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डग्गामार वाहन लगा रहे राजस्व पर सेंध, अधिकारी बोले- रोडवेज को हो रहा प्रतिदिन दो लाख का नुकसान

सड़कों पर तेज रफ्तार से सरपट दौड़ रहे डग्गामार वाहन न सिर्फ लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं बल्कि राजस्व का भी नुकसान कर रहे है। अधिकारियोंं की मानें तो सड़कों पर दौड़ने वाली अवैध बसों से रोडवेज को रोजाना दो लाख रुपए का नुकसान हो रहा है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 09:27 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 09:27 AM (IST)
डग्गामार वाहन लगा रहे राजस्व पर सेंध, अधिकारी बोले- रोडवेज को हो रहा प्रतिदिन दो लाख का नुकसान
डग्गामार वाहन लगा रहे राजस्व पर सेंध, अधिकारी बोले- रोडवेज को हो रहा प्रतिदिन दो लाख का नुकसान

बरेली, जेएनएन। सड़कों पर तेज रफ्तार से सरपट दौड़ रहे डग्गामार वाहन न सिर्फ लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं बल्कि राजस्व का भी नुकसान कर रहे है। रोडवेज के अधिकारियो की मानें तो सड़कों पर दौड़ने वाली अवैध बसों से रोडवेज को रोजाना दो लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। अधिकारियों ने यह दावा 70 अवैध वाहनों पर कार्रवाई करने के बाद किया हैं। जनपद में जहां रोडवेज बस अड्डे से कुछ ही दूरी पर डग्गामार बस स्टैंड बना हुआ है। वहीं धड़ल्ले से इन बसों का संचालन भी हो रहा है। हालांकि विभाग परिवहन मंत्री के आदेशों के बाद इन डग्गामार वाहनों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करने की बात कह रहा है।

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परिवहन मंत्री ने जारी किए थे आदेश

कुछ दिनों पहले परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने समीक्षा बैठक में अफसरों की क्लास ली थी। उन्होंने डग्गामार वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश भी जारी किए थे। लेकिन बसों संचालन धड़ल्ले से हो रहा है।सेटेलाइट से कुछ कदम दूरी पर एक सामांतर बस स्टैंड विकसित हो गया। लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियो का दावा है कि लगातार कार्रवाई हो रही है।

ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कार्रवाई हो रही है तो इन डग्गामार बसों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है जबकि नियम कहता है कि परिवहन विभाग के बस स्टैंड से एक किलोमीटर की दूरी पर कोई प्राइवेट बस स्टैंड नहीं हो सकता है। खास बात यह है कि रोडवेज को इन डग्गामार बसों की वजह से हर महीने साठ लाख का नुकसान झेलना पड़ रहा है। रोडवेज के अधिकारियों का कहना है कि रोजाना करीब दो लाख राजस्व का नुकसान झेलना पड़ता है।

डग्गामार बस वाले सामान तो अवैध रुप ढोते है। वही कम किराया की वजह से सवारियां भी बैठ जाती है क्योंकि उसकी भरपाई वह ज्यादा संवारिया भरकर कर लेते हैं जबकि रोडवेज में सीटों के हिसाब से ही संवारिया बैठाने का प्रावधान है। इसलिए दो तरफा रोडवेज को नुकसान झेलना पड़ रहा है। ऐसे में जहां रोडवेज की बसें खाली रहती है वही डग्गामार बसें 54 की जगह 124 संवारियां तक ढोती नजर आती हैं। हालांकि परिवहन विभाग के अधिकारी आंकड़ों की बाजीगरी कार्रवाई के नाम पर दिखाते हैं।

आंकडों की बाजीगरी अधिकारियो का दावा है कि जिले में 13 से 19 अक्टूबर तक 70 गाड़ियों का चालान किया गया है और 25 गाड़ियों को बंद किया गया। वहीं मंडल भर में इस दौरान करीब 160 गाड़ियों का चालान किया गया और 48 गाड़ियों को बंद किया गया।

हर महीने करीब साठ लाख का हमको इन डग्गामार बसों की वजह से नुकसान हो रहा है। यह बसें लोगों की जिंदगी को खतरे में डालकर कमाई कर रही हैं। चीनी प्रसाद, एआरएम, बरेली

डिपो हमारे यहां पर दो टीमें इसीलिए बनाई गई हैं । लगातार कार्रवाई की जा रही है। टीमें छापा मारने के साथ जहां से सूचना मिलती है। वहां पर भी कार्रवाई करती हैं। डा. अनिल गुप्ता, आरटीओ


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