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Cyber Crime :साइबर ठग नामचीन कंपनियों की स्पेलिंग में फेरबदल कर एकाउंट से उड़ा रहे हजारों

फर्जी साइट पर ठगी का शिकार होने के बाद मदद के लिए कंपनी की आधिकारिक हेल्पलाइन ढूंढने पर भी फर्जी हेल्पलाइन नंबर लोगों को मिल रही है। इस तरह से ठगी का शिकार शख्स दो-दो बार साइबर ठगों के हाथ का खिलौना बन रहा है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 09:34 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 01:55 PM (IST)
साइबर ठग नामचीन कंपनियों की स्पेलिंग में फेरबदल कर एकाउंट से उड़ा रहे हजारों

बरेली, जेएनएन। नामचीन कंपनियों की फर्जी वेबसाइट और लिंक के फेर में फंसे लोगों को लाखों की चपत लग रही है। साइबर सेल के मुताबिक बारीक फेरबदल करके साइबर ठग नये पैटर्न अपना रहे हैं। अलार्मिंग स्थिति इसलिए भी है, क्योंकि फर्जी साइट पर ठगी का शिकार होने के बाद मदद के लिए कंपनी की आधिकारिक हेल्पलाइन ढूंढने पर भी फर्जी हेल्पलाइन नंबर लोगों को मिल रही है। इस तरह से ठगी का शिकार शख्स दो-दो बार साइबर ठगों के हाथ का खिलौना बना जा रहा है।

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सुभाषनगर थानाक्षेत्र में सामने आए ऐसे ही प्रकरण में फेसबुक के जरिये एक साइबर ठग ने इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप के विज्ञापन का लिंक डाला। विज्ञापन देख युवक ने लिंक ओपन किया, जिस पर आवेदन संबंधी प्रपत्र मांगने पर व्यक्ति ने जमा कर दिए और 39 हजार रुपये बतौर सिक्योरिटी भी जमा कर दी। थोड़ी देर बाद युवक ने पंप की अंग्रेजी स्पेलिंग पर गौर किया। यहां पंप में ‘यू’ की जगह ‘ए’ लिखा था।

ठगी का संदेह होने पर दोबारा जांचा तो इंडियन ऑयल और कंपनी का लोगो गायब मिला। युवक ने फोन पे एप से भुगतान किया था। ऑनलाइन ही मदद के लिए फोन पे का हेल्पलाइन नंबर लिया। पहले फोन करने पर कॉल उठी नहीं। थोड़ी देर बाद उनके पास फोन आया कि मैं फोन पे का अधिकारी हूं। ट्रू कॉलर पर फोन पे भी लिखकर आ रहा था। इस पर विश्वास करते हुए पीडि़त ने अपने साथ हुई ठगी के बारे में बताया।

ठग ने एक एप डाउनलोड करने के लिए कहा। पीडि़त ठग के जाल में ऐसा उलझ गया था कि उसने जैसा-जैसा कहा वह करता गया। एप डाउनलोड करने के बाद पीडि़त इधर से अपने मोबाइल पर जो भी करता, ठग के पास उसकी पूरी जानकारी पहुंचती गई। जैसे ही पीडि़त ने अकांउट नंबर साझा किया, तीन बार में 39, 39 एवं 19,982 हजार रुपये कट गए। पीडि़त इधर ट्रांजेक्शन कैंसिल करता रहा लेकिन, उसके खाते से पैसे कट गए। पीडि़त को कुल 1 लाख 36 हजार 982 रुपये का चूना लग गया। अब साइबर सेल में मामले की जांच कर रही है।

लिंक पर जाते ही, फोन आया, फिर उड़े 40 हजार प्रेमनगर के रहने वाले एक युवक ने सोशल मीडिया पर दिख रहे ऐसे ही एक लिंक पर क्लिक किया। कुछ दिन बाद उसके मोबाइल पर एक लाख की लॉटरी जीतने का मैसेज आया। मैसेज के बाद फोन आया और बताई गई प्रक्रिया का पालन करने के लिए युवक से कहा गया। जानकारी साझा करते ही उसके खाते की 40 हजार की रकम उड़ गई।

ई-शापिंग कंपनी की वेबसाइट पर जाते ही साइबर ठग हुए सक्रिय इज्जतनगर की रहने वाली एक लड़की ने ई-शापिंग कंपनी पर जाकर विजिट की। कुछ दिन बाद लड़की के फोन पर एक नंबर से काल आई और कम पैसे में बेहतर गुणवत्तापूर्ण सामान दिलाने की बात कही गई। लड़की फिर सामान पसंद करने के लिए उसी वेबसाइट पर गई, सामान पसंद करने के बाद डिटेल भरते ही उसके खाते से पैसे कट गए और सामान भी नहीं मिला। पता चला कि वेबसाइट फर्जी थी।

साइबर ठगी के बढ़ते जाल में फंसने से बचने के लिए साइबर सेल प्रभारी अनिल कुमार एक्सपर्ट राय दे रहे हैं। देखा जाए तो फर्जी वेबसाइट, लिंक और हेल्पलाइन नंबरों के उपयोग से पहले छोटी सावधानियां भी धोखाधड़ी की वारदातों को रोकने के लिए काफी होती है। - कंपनी के लिंक को जांचने के लिए कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट जरूर जांच लें।- संदेह होने पर संबंधित विभाग या कंपनी के स्थानीय कार्यालय से संपर्क करें।- आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हेल्पलाइन नंबर पर ही फोन करें।- ठगी होने की दशा में 48 घंटे के भीतर साइबर थाने और बैंक में शिकायत दर्ज कराए।- किसी भी अनजान लिंक पर सूचना साझा न करें।- किसी भी प्रकार के आवेदन इस प्रकार नहीं मांगे जाते, ऐसे में सोशल साइट्स पर आने वाले ऐसे संदेशों से दूर रहें।- लिंक या कॉल करने वाले शख्स के कहने पर किसी भी एप को डाउनलोड न करें।

वेब पेज पर चलने वाले अनजान लिंक पर क्लिक न करें। इससे पूरा डाटा हैक हो सकता है। ऐसे केस बढ़ गए हैं। साइबर सेल ऐसे मामलों को ट्रेस करके साइबर ठगों को पकडने की कोशिश कर रही है। - सुशील कुमार, एसपी क्राइम 


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