गजब ! बरेली में इस गांव के लाेग साइबर ठगी से हाे रहे मालामाल, पिता चलाते थे रिक्शा, बेटे चलाते है मर्सडीज
Cyber Crime in Bareilly साइबर ठगी से जहां लोग बेहाल वहीं फतेहगंज पश्चिमी के धंतिया गांव के साइबर ठग मालामाल हो रहे हैं। इन साइबर ठगों के पास आय का कोई साधन नहीं है। लेकिन बावजूद साइबर ठग करोड़ों के मालिक हैं।
बरेली, जेएनएन। Cyber Crime in Bareilly: साइबर ठगी से जहां लोग बेहाल वहीं फतेहगंज पश्चिमी के धंतिया गांव के साइबर ठग मालामाल हो रहे हैं। इन साइबर ठगों के पास आय का कोई साधन नहीं है। लेकिन बावजूद साइबर ठग करोड़ों के मालिक हैं। गांव में बने इनके आलीशान मकान, प्लाट तो लग्जरी गाड़ियां और इनके महंगे शौक देखकर साइबर ठगी से होने वाली कमाई का अंदाजा लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं कई साइबर ठगों ने तो अपने रिश्तेदारों के नाम से संपत्ति बनाई है। जिससे कभी कोई कार्रवाई हो तो उनकी प्रापर्टी सुरक्षित रहे। इनकी शिकायतों के बावजूद स्थानीय पुलिस कभी इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करती। जब बाहर की पुलिस इनसे मदद मांगती है और दबिश देती भी है। तो ज्यादातर मामलों में पुलिस ही इनके लिए मुखबिर का काम कर दबिश की सूचना लीक कर देती है।
जुलाई 2020 में इज्ज्जनगर पुलिस ने जब शातिर साइबर ठग जमशेद उसके गैंग के राशिद, वारिस, आरिफ खां, साजिद खां, अफजाल, आमिर, यूसुफ, कैफ, ताहिर, रफी उर्फ मोती, जाहिद खान, नासिर व इरफान को गिरफ्तार किया तो उनकी करोड़ों की प्रापर्टी का पता चला था। पुलिस ने इन ठगों के पास से मर्सडीज समेत कई लग्जरी वाहन भी बरामद किए थे। तत्कालीन एएसपी अभिषेक वर्मा ने इन शातिर ठगों पर सख्त कार्रवाई की थी। हालांकि उसके कुछ हफ्तों पर प्रमोट होने के चलते उनका ट्रांसफर हो गया। जिसके बाद पुलिस ने ठगी के इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। पुलिस की लापरवाही का आलम यह था कि ठगों को जमानत मिलने के बाद पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। इस दौरान ठगाें के सीज वाहन भी छूट गए।
पिता चलाते थे रिक्शा निरक्षर बेटे करोड़पति
धंतिया के साइबर ठग गैंग का मुख्य सरगना जमशेद के पिता 10 साल पहले परिवार चलाने के लिए रिक्शा चलाते थे। जमशेद चार भाइयों में सबसे बड़ा है। उसने सबसे पहले ठगी का काम शुरू किया। इसके बाद वह नाइजीरियन गैंग के संपर्क में आ गया। इसके बाद उसने मोटी कमाई देखकर छोटे भाई शाहिद, जाहिद, राशिद को भी ठगी का काम सिखया। महज 10 साल में सभी के पास करोड़पति हो गए। तत्कालीन एएसपी अभिषेक वर्मा की माने तो चारों भाइयों की प्रापटी अगर जोड़ी जाए तो 100 करोड़ के पार है। इन्होंने अपने नाम तो प्रापर्टी बनाई ही है साथ ही अपने रिश्तेदारों के नाम से भी संपत्ति बनाई है। जिससे कभी इनके खिलाफ कार्रवाई हो तो उनकी रिश्तेदारों के नाम से बनाई गई संपत्ति बच जाए।
दूसरे के नाम से खोले हैं बैंक खाते
पुलिस की पड़ताल में सामने आया था कि धंतिया के साइबर ठग बेहद शातिर हैं। पिछले साल गिरफ्तार किए गए साइबर ठग में एक भी ऐसा नहीं था। जो कि करोड़पति न हो। जबकि उनमें से ज्यादातर निरक्षर है। यह इतने शातिर हैं कि इनके ठगी की रकम यह अपने खाते में नहीं रखते। बल्कि इन्होंने दूसरे रिश्तेदारों के नाम से खाते खोले हैं। उन खाते में यह अपने रुपये रखते हैं। धंतिया के साइबर ठगों के शौक भी बहुत महंगे है। इनके पास कई लग्जरी गाड़ियां तो हैं ही साथ ही यह बाइक तो कपड़ों की तरह बदलते हैं। ठगों का शौक यह है कि यह सिर्फ ब्रांडेड कपड़े ही पहनते हैं।
दिखाने के लिए करते थे कारचोबी अव वह भी बंद
साइबर ठगों ने बीच में देखावे के लिए कारचोबी का काम शुरू किया। महेश शौक और अलीशान घर के साथ लग्जरी गाड़ियों पर किसी की निगाह जाए भी तो वह कारचोबी में मोटा मुनाफा होने की बहाना बनाते थे। हालांकि जब उनकी पोल खुली और देश के अलग-अलग राज्यों में ठगी के मामले में इनके नाम सामने आए तो उन्होंने कारचोबी का भी बंद कर दिया। धंतिया के साइबर ठगों ने ठगी के करोड़ों की कमाई की है। इनके गोपनीय जांच भी कराई जाएगी। जिससे इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई हो सके।