Move to Jagran APP

Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही, आभासी मुद्रा को समझने का समय

Cryptocurrency News क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है। हालांकि केंद्रीय बैंकों की इस संबंध में अपनी चिंताएं हैं लेकिन प्रोत्साहन मिलने पर यह काजगी मुद्रा का विकल्प बन सकती है। ऐसे में सिर्फ इनके नियमन के लिए नियम बनाने की जरूरत है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 10:17 AM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 12:57 PM (IST)
Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही, आभासी मुद्रा को समझने का समय
आभासी मुद्रा को समझने का समय। प्रतीकात्मक

बरेली, अवधेश माहेश्वरी। क्रिप्टोकरेंसी मार्केट मई 2021 में क्रैश से नए निवेशक डर गए, लेकिन एक क्रिप्टो एक्सपर्ट की ट्विटर पर अपने फालोअर्स के लिए टिप्पणी थी कि हमको एक हजार फीसद के रिटर्न के लिए एक दिन में 70 फीसद गिरावट के लिए भी तैयार रहना चाहिए। यह बताता है कि पुराने निवेशक क्रिप्टो बाजार को कितना समझने लगे हैं। परंतु लगभग उसी वक्त बैंक आफ इंग्लैंड के गवर्नर एंड्रू बैली के विचार थे कि क्रिप्टोकरेंसी का अपना कोई मूल्य नहीं।

loksabha election banner

निवेशकों को इसके झांसे में आकर अपनी मेहनत की कमाई खोने के लिए तैयार रहना चाहिए। अब भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने कहा है कि यह कोई मुद्दा नहीं, इसे एक अलग संपत्ति वर्ग (एसेट क्लास) मानना चाहिए। दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी में जब हर रोज निवेश बढ़ रहा है तो निश्चित रूप से यह तय होना ही चाहिए कि इसका मूल्य क्या है? इसे किस वर्ग में रखकर डील किया जाए?

क्रिप्टोकरेंसी ही क्यों? कागजी मुद्रा के मूल्य पर एडम स्मिथ ने कहा था कि किसी भी मुद्रा का सामान खरीदने के अलावा कोई दूसरा उपयोग नहीं है। परंतु सिर्फ ऐसा नहीं कहा जा सकता। एक अच्छी मुद्रा के लिए जरूरी है कि वह सही तरीके से लेन-देन की क्षमता तो रखती ही हो साथ ही उसका एक सही भंडारण मूल्य भी हो। लेन-देन में मुश्किल न आए। डालर जैसी कागजी मुद्रा में यह क्षमता रही है, परंतु पिछले कुछ वर्षो में जिस तरह अमेरिकी सरकार ने अतिरिक्त मुद्रा की छपाई की है, उसने इसका अवमूल्यन किया है।

नोटों के साथ अब सोने, पेंटिंग, गेहूं जैसे अनाज या कंप्यूटर के मूल्य पर सोचें। दुनियाभर में धातुओं से लेकर अन्य सामान की उपयोगिता के आधार पर मूल्य तय होते हैं। सोने की चमक दुनिया को दीवाना करती है। इसे रखने पर लगातार रिटर्न देती है। सोने के लिए तो माना जाता है कि एक तोला सोना एक मध्यम वर्गीय परिवार का एक महीने के खर्च के बराबर होता है। पीली धातु की यही क्षमता उसकी मांग की मुख्य कारक है। मांग और आपूíत से कीमत उतार-चढ़ाव तो लेती है, लेकिन फिर एक निश्चित जगह पर स्थिर सी रहती है। गेहूं जैसे अनाज की दुनियाभर में पेट भरने के लिए मांग है। ऐसे में इसकी अलग कीमत एक सीमित दायरे से ऊपर नहीं जाने दी जा सकती। समय-समय पर आने वाली फसल इसे स्थिर बनाने में मदद करती है। बेशकीमती पेंटिंग अलग वर्ग को आकर्षति करती है तो उनकी पसंद से कीमत ऊपर-नीचे होती हैं। कंप्यूटर की कीमत क्या हो? कोई व्यक्ति इसकी कमांड नहीं जानता तो इसके लिए बाक्स से ज्यादा नहीं, वहीं कंप्यूटर इंजीनियर के लिए दुनिया की सारी सुख-सुविधाओं का इंतजाम करने में सक्षम है।

क्रिप्टोकरेंसी की क्लास तय नहीं, परंतु फिर भी मांग पर ब्लाकचेन डाटा प्लेटफार्म चेनालिसिस के आंकड़े कहते हैं कि पिछले साल क्रिप्टो कारोबार में 880 फीसद की वृद्धि हुई। मई में बाजार के सबसे ऊंचे ग्राफ से पहले क्रिप्टोकरेंसी का संयुक्त मूल्य 24 खरब डालर पर पहुंच गया। कोई वर्ग न होने से सिर्फ बाजार की मांग से ही सब ऊपर-नीचे होता है। ऐसे में इसे संपत्ति, मुद्रा या किसी अन्य रूप में मान्यता देनी ही होगी? परंतु यह किस तरह हो।

फ्यूचर परफेक्ट वेंचर्स अमेरिका की संस्थापक जे जोबंतपुत्र इसको लेकर हकीकत के नजदीक हैं। वह कहती हैं कि मल्टी क्रिप्टो वर्ल्ड से पीछे नहीं जा सकते। ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी के प्रयोग के आधार पर ही कीमत और श्रेणी तय होनी चाहिए। परंतु मूल्य और श्रेणी भी कौन सी हो, इस पर वह आगे नहीं बढ़ीं। ऐसे में पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकाइन से लेकर अब तक आईं करेंसी के प्रयोग की श्रेणी देखनी होंगी। बिटकाइन में सोने की तरह भंडारण और खरीद क्षमता है। अमेरिका सहित दुनिया के बहुत से फंड हाउस इसे अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर रहे हैं। ऐसे में इसे संपत्ति के वर्ग में रखा जाना चाहिए। इसकी कीमत डिमांड और सप्लाई स्वयं तय कर लेगी, लेकिन इसका दुरुपयोग न हो इसके लिए सर्किट फिल्टर जैसी व्यवस्था करनी होगी।

क्रिप्टो विशेषज्ञ और बिटनिंग के संस्थापक कासिफ रजा भी मानते हैं कि सिर्फ संपत्ति वर्ग में क्रिप्टो को रखना संभव नहीं। यदि क्रिप्टोकरेंसी के कुछ और उपयोग देखें तो इंश्योरेंस, बैंकिंग, म्यूजिक, टूरिज्म, फाìमग जैसी 50 से ज्यादा काइन हैं। लगातार यह वृद्धि हो रही है। परंतु इन सबको भंडारण, उपयोगिता, स्टेबल, सुरक्षा और भुगतान प्रणाली जैसी पांच से छह श्रेणी वाले काइन में बांटा जा सकता है। इस आधार से सरकार इनके नियमन को कानून बना सकती हैं।

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर की सरकारों की आशंका यह है कि उनकी मुद्रा की अपनी वैल्यू खत्म हो जाएगी। परंतु वह इस पर रोक नहीं लगा पा रही हैं, तो इसकी वजह दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी निवेश कंपनी ग्रे स्केल इन्वेस्टमेंट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माइकेल सोनेसन ठीक से बताते हैं। वह कहते हैं कि ऐसी चीजें कई पीढ़ियों के बाद एकाध बार सामने आती हैं। कई पीढ़ी तक कागजी नोट के प्रचलन के बाद पहली बार डिजिटल करेंसी आई है। इसने धातु, जमीन, पेंटिंग या कमोडिटीज में निवेश के इतिहास के सैकड़ों साल बाद निवेशकों एक नई श्रेणी उपलब्ध कराई है।

परंतु दुनियाभर की केंद्रीय बैंकों को यह पसंद नहीं आता। वह बैंक में जमा धन से कर्ज देकर कमाती हैं, ऐसे में मानती हैं कि डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी उनके कारोबार को खत्म कर देगी। इसीलिए बैंक आफ इंग्लैंड हो या भारतीय रिजर्व बैंक इनके गवर्नर क्रिप्टोकरेंसी को अच्छा नहीं मान पाते। वह डराते हैं कि इनकी अपनी कोई कीमत नहीं, परंतु यह भी सच है कि वह कुछ भी कहें अब क्रिप्टोकरेंसी का जिन्न बोतल में तो वापस नहीं जा सकता। भविष्य में कागजी मुद्रा की यही जगह लेगा। ऐसे में सिर्फ इनके नियमन के लिए नियम बनाने की जरूरत है, जो निवेशकों को नुकसान से बचाएं। अमेरिका ने इस हकीकत को तेजी से समझा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.