Lockdown : गाजियाबाद के युवक के फोन पर बरेली के क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर ने किया ये काम Bareilly News
लॉकडाउन में दिल्ली गाजियाबाद में नौकरी करने वाले बेटों के लिए उनके पिता की बीमारी में सही समय पर दवा और इलाज दिलाना किसी चुनौती से कम नहीं है।
बरेली, जेएनएन। लॉकडाउन में दिल्ली, गाजियाबाद में नौकरी करने वाले बेटों के लिए उनके पिता की बीमारी में सही समय पर दवा और इलाज दिलाना किसी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे ही एक बेटे की गुजारिश पर कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम में तैनात क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार मददगार साबित हुए। न सिर्फ अपने खर्च पर उन्होंने दवा खरीदी, बल्कि अपने वाहन से आंवला के गांव अंजनी में पहुंचे और बुजुर्ग पिता को दवा मुहैया करवाई।
कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम में 11 विभागों के अफसर ड्यूटी पर हैं। यहां गाजियाबाद से एक युवक ने फोन करके बताया कि उसके पिता बीमार पिता सिरौली थानाक्षेत्र के अंजनी गांव में रहते हैं। उन्हें दवा देने वाला कोई नहीं है। जानकारी मिलने के बाद इंस्पेक्टर प्रमोद ने युवक से दवा की डिटेल नोट की। शहर से 900 रुपये की दवाएं खरीदकर वह अंजनी गांव पहुंचे और बुजुर्ग को दवाएं दीं। उनके इस प्रयास की कलेक्ट्रेट में सराहना हो रही है।
पुलिस की पिटाई के फर्जी मामले ने किया परेशान
सदर तहसील के एक शख्स ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर बाजार में निकलने पर पुलिस पिटाई में हाथ टूटने की शिकायत दर्ज कराई। कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम की छानबीन में सामने आया कि युवक ने गुमराह किया है। संपर्क करने पर उसने बताया कि उसके साढ़ू के भाई के साथ ऐसा हुआ है। लेकिन इसकी भी पुष्टि नहीं हो सकी। वहीं, राहत आयुक्त की वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए कंट्रोल रूम में अधिकारी सुबह नौ बजे से डटकर दोपहर दो बजे तक बैठे रहे। लेकिन तकनीकी कारणों से बरेली जिले की वीडियो कांफ्रेंसिंग ही नहीं हो सकी।
मेडिकल स्टोर मालिक को चाहिए मुफ्त राशन
मुफ्त राशन के लिए अपात्र लोगों द्वारा मांग किए जाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। रविवार को भी ऐसे ही एक मामले की छानबीन की गई तो मदद मांगने वाला शख्स सदर तहसील के एक मेडिकल स्टोर का मालिक निकला। स्टोर उसी के दो मंजिला मकान में था। कंट्रोल रूम की प्रभारी पारुल तरार के मुताबिक राशन के लिए लोग संपर्क कर रहे हैं।