क्राइम ब्रांच ने बरेली कॉलेज में भ्रष्टाचार पर कसा शिकंजा, विभागाध्यक्षों से मांगा जवाब
बरेली कॉलेज में भ्रष्टाचार पर क्राइम ब्रांच की जांच का शिकंजा कस गया है।
जेएनएन, बरेली : बरेली कॉलेज में भ्रष्टाचार पर क्राइम ब्रांच की जांच का शिकंजा कस गया है। जांच टीम ने घोटाले वाले विभागों के विभागाध्यक्षों और बाबुओं से जवाब मांगा है। प्रोफेसरों के केबिन में क्राइम ब्रांच का पत्र पहुंचते ही खलबली मच गई। अब वे खर्चो पर पुख्ता जवाब तैयार करने में जुट गए हैं। कई बाबू भी जांच टीम के निशाने पर हैं, क्योंकि घोटाले के सारे राज उन्हीं के पास हैं।
खर्चो में सबसे बड़ा गोलमाल स्पोर्ट्स विभाग में सामने आ रहा है। इसमें हर साल 20-25 लाख रुपये सालाना खर्च का जिक्र जांच रिपोर्ट में भी किया गया है। क्राइम ब्रांच के सवालों का सामना करने के लिए बुधवार को स्पोर्ट्स समिति की बैठक बुलाई गई है। सूत्रों के मुताबिक, इसमें अब तक के खर्च पर चर्चा होगी। सदस्यों के बयान में भिन्नता न रहे, इससे भी सबको अवगत कराया जाएगा। हालांकि, कॉलेज के क्रीड़ा प्रभारी डॉ. अनुराग मोहन ने इससे स्पष्ट इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि यह सामान्य बैठक है, जो हर साल होती है।
बारह सदस्सीय समिति
स्पोर्ट्स समिति में करीब 12 सदस्य शामिल हैं। कमिश्नर के पास जब बरेली कॉलेज की पहली शिकायत पहुंची थी, तब सबसे ज्यादा घालमेल का आरोप स्पोर्ट्स विभाग पर लगा था। इसमें 2018 में करीब 25 लाख रुपये खर्च की शिकायत थी। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी की जांच में भी इस विभाग में घोटाले का जिक्र हुआ है। कॉलेज में पिछले साल अक्टूबर में क्रीड़ा समिति की बैठक हुई थी।
पीजी फोरम में गोलमाल
बरेली कॉलेज के हर विभाग में पीजी फोरम है। हर छात्र से सौ रुपये इसका शुल्क लिया जाता है। पूरे साल कॉलेज में इसकी कोई गतिविधि नजर नहीं आती। साल के आखिर में जरूर दो-चार कार्यक्रम होते हैं। पीजी फोरम के आय-व्यय में भी गड़बड़ी सामने आई हैं।
कंप्यूटर रिपेयर पर लाखों खर्च
जांच टीम से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कॉलेज में कंप्यूटर रिपेयर, बगैर प्रस्ताव पास किए बजट खर्च करने का खेल चलता रहा है। ये ऐसे खर्च हैं जो छोटी-छोटी धनराशि से मिलकर ़करोड़ों के गोलमाल तक पहुंचते हैं।