बरेली की आइटीआर कॉलोनी की बिजली-पानी शुरू करने का आदेश
एक हफ्ते से अपने मूलभूत अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे आइटीआर के पूर्व कर्मचारियों को आखिरकार कोर्ट ने राहत दी। प्रशासन ने जिन मकानों की बिजली काटी थी कोर्ट ने दोबारा कनेक्शन कराने के आदेश जारी किए।
बरेली, जेएनएन: एक हफ्ते से अपने मूलभूत अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे आइटीआर के पूर्व कर्मचारियों को आखिरकार कोर्ट ने राहत दी। प्रशासन ने जिन मकानों की बिजली काटी थी, कोर्ट ने दोबारा कनेक्शन कराने के आदेश जारी किए। पूर्व कर्मचारियों ने आदेश का हवाला देकर कमिश्नर रणवीर प्रसाद से गुहार लगाई तो आइटीआर कॉलोनी के मकानों का बिजली कनेक्शन जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हुई।
औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रशासन आइटीआर फैक्ट्री की जमीन पर प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है। इसमें आइटी सिटी पार्क और ईएसआइ 100 बेड अस्पताल के प्रोजेक्ट अंतिम रूम में हैं। बजट आवंटन के बाद केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने भूमिपूजन भी किया। ईएसआइ अस्पताल बंगला नंबर 11 की जमीन पर बनना है। प्रशासन आइटीआर कॉलोनी को भी खाली कराने के लिए जोर लगा रहा है। अक्टूबर 2020 में कमिश्नर रणवीर प्रसाद की ओर से 30 नवंबर तक सभी पूर्व कर्मचारियों को आवास खाली करने की नोटिस चस्पा कराई गई थी। बकाया भुगतान कमिश्नरी से लेने के लिए कर्मचारियों को कह दिया गया। 30 नवंबर बीतने के बाद बिजली विभाग की ओर से आइटीआर की लाइट काट दी गई। एक हफ्ते से परिवार बिना बिजली-पानी के घरों में रह रहे हैं। पूर्व कर्मचारियों का कहना था कि कोर्ट ने बकाया भुगतान होने तक पहले ही बिजली पानी देने को कहा था। इसके खिलाफ उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर कर दी। दो दिसंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि बिना किसी बकाया भुगतान के कर्मचारियों का बिजली-पानी बंद करना गलत है। इसे तुरंत बहाल करना चाहिए। कोर्ट से आदेश की कॉपी मिलने के बाद पूर्व कर्मचारी सोमवार को कमिश्नर से मिलकर जल्द बिजली जोड़े जाने की मांग की। देर शाम आइटीआर कॉलोनी की लाइट जोड़ने की तैयारी की जा रही थी।
केंद्रीय मंत्री से खफा हुए पूर्व कर्मचारी
आइटीआर की पूर्व कर्मचारी इन दिनों केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार से खफा हैं। दरअसल बीते 27 नवंबर को आइटीआर के पूर्व कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय मंत्री से मिला था। उन्होंने आश्वासन दिया था कि कमिश्नर से वार्ता की जाएगी। बिजली कटने नहीं दी जाएगी। जब 30 नवंबर के बाद बिजली विभाग ने आइटीआर कॉलोनी की लाइट काट दी तो पूर्व कर्मचारी इससे नाराज हो गए।