Coronavirus Update : स्वास्थ्य विभाग कोराना जांच के लिए अपनाएगा ये तरीका, तैयार करेगा केस हिस्ट्री
स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना जांच के लिए नया तरीका अपनाया। जिले में बाहर से आने वाले लोगों की अब केस हिस्ट्री तैयार की जाएगी।
बरेली, जेएनएन।: सब कुछ अनलॉक होने के बाद अब आवागमन काफी बढ़ गया है। इसके चलते हर किसी की जांच किया जाना संभव नहीं है। ऐसे में बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीङ्क्षनग की जाएगी। इसके साथ ही उनकी केस शीट तैयार होगी। उनसे सवाल जवाब किए जाएंगे। उनके जवाबों के आधार पर उनकी केस शीट तैयार होगी। अगर उनके संक्रमित होने की संभावना होगी तो उनकी जांच कराई जाएगी।
कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉक डाउन किया गया था। इसके बाद प्रवासियों का आना शुरू हुआ तो अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गई। शासन से मिले निर्देश पर जिले की सभी तहसील क्षेत्रों में आश्रय स्थल बनाए गए। इनमे प्रवासियों को रोक कर उनकी स्क्रीङ्क्षनग और कोरोना की जांच कराई गई। इसके बाद जिले में कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा शुरू हो गया। धीरे धीरे लॉक डाउन में ढील मिलने लगी और अब अनलॉक-1 शुरू हो गया। इसके साथ ही प्रवासियों का आना भी कम हुआ।
ट्रेन, बस आदि सब शुरू हो गईं ऐसे में प्रवासियों को चिन्हित किया जाना भी मुश्किल हो गया। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना जांच के लिए नया तरीका अपनाया। जिले में बाहर से आने वाले लोगों की अब केस हिस्ट्री तैयार की जाएगी। इसमे देखा जाएगा कि व्यक्ति कोरोना मरीज के सम्पर्क में रहा या नहीं, वह हॉटस्पॉट क्षेत्र में है या नहीं, उसे कोई बीमारी तो नहीं आदि। उससे मिलने वाले जवाब के आधार पर सम्बंधित व्यक्ति की जांच का आधार तय किया जाएगा। प्रदेश के कुछ जिलों में यह प्रक्रिया शुरू भी हो गई है। जिले में भी कुछ ही दिनों में इस प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।
अधिकतर किया जाएगा होम क्वारंटाइन
केस शीट तैयार किए जाने के साथ ही एक बदलाव और हुआ है। इसमें अब प्रवासियों को आश्रय स्थल पर रोके जाने की जगह उसे होम क्वारंटाइन किया जाएगा। प्रवासी में अगर लक्षण होते हैं तो उसे क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती किया जाएगा। बिना लक्षण वाले लोगों के लिए होम क्वारंटाइन की व्यवस्था ही की जाएगी।
अनलॉक-1 की शुरुआत के साथ ही हर किसी की जांच किया जाना सम्भव नहीं है। ऐसे में उसी व्यक्ति की जांच होगी जिसकी केश शीट में कोरोना के लक्षण या उससे सम्बन्धित दिक्कत होगी। इसी तरह आश्रय स्थल पर रोके जाने की प्रक्रिया में भी बदलाव किया आज रहा है।- डॉ. रंजन गौतम, एसीएमओ/जिला सर्विलांस अधिकारी