बुखार में भी लैब टेक्नीशियन से कराते रहे सैंपलिग, आया पॉजिटिव
आमजन को कोरोना से बचाव को जागरूक करने वाला स्वास्थ्य विभाग खुद ही लापरवाही में आकंठ में डूबा है। सोमवार को जब आइवीआरआइ से रिपोर्ट आई तो विभाग के अधिकारियों में एक बार फिर खलबली मच गई। दरअसल आइवीआरआइ की 235 लोगों की रिपोर्ट में तीन पॉजिटिव थे। इसमें एक तीन सौ बेड अस्पताल का लैब टेक्नीशियन भी शामिल है।
बरेली, जेएनएन : आमजन को कोरोना से बचाव को जागरूक करने वाला स्वास्थ्य विभाग खुद ही लापरवाही में आकंठ में डूबा है। सोमवार को जब आइवीआरआइ से रिपोर्ट आई तो विभाग के अधिकारियों में एक बार फिर खलबली मच गई। दरअसल आइवीआरआइ की 235 लोगों की रिपोर्ट में तीन पॉजिटिव थे। इसमें एक तीन सौ बेड अस्पताल का लैब टेक्नीशियन भी शामिल है। सोमवार को जब उसकी रिपोर्ट आई तो वह ड्यूटी पर ही था।
नवाबगंज निवासी लैब टेक्नीशियन जगतपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात है। इस समय वह कोविड-19 के तहत तीन सौ बेड अस्पताल के सैंपलिग सेंटर में कार्य कर रहा है। यहां वह संदिग्धों की सैंपलिग करता था। यहां उसने 23 जून से कार्य शुरू किया था। दो दिन बाद बुखार आने पर 25 जून को उसकी जांच कराई गई। इसके बाद से वह लगातार ड्यूटी कर रहा था। बताते हैं कि तबीयत खराब होने के चलते उसने छुट्टी भी मांगी थी, लेकिन नहीं दी गई। वह बुखार में ही लगातार लोगों की सैंपलिग कर रहा था। सोमवार को भी वह ड्यूटी पर था और करीब 50 से अधिक लोगों के सैंपल भी लिए थे। देर शाम जब रिपोर्ट आई तो महकमे में हड़कंप मच गया। वह आइवीआरआइ में रह रहा था। उसे आइवीआरआइ गेस्ट हाउस से लाकर एल-2 अस्पताल में भर्ती कराया गया। रिपोर्ट आने के बाद आनन-फानन में तीन सौ बेड अस्पताल के सभी कर्मचारियों की रात में ही सैंपलिग कराई गई।
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लखनऊ में एक महिला की इलाज के दौरान मौत हुई है। वह प्राइवेट लैब से पॉजिटिव थी। आइवीआरआइ से मिली रिपोर्ट में तीन जबकि प्राइवेट लैब से भी तीन केस पॉजिटिव मिले हैं। संक्रमितोंको एल-1 व एल-2 अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। लैब टैक्नीशियन सैंपल कराने के बाद बुखार में काम कर रहा था। इसकी जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।
- डॉ. रंजन गौतम, जिला सर्विलांस अधिकारी कोविड-19