बरेली का निर्भया केस : सीओ बोले- घटनास्थल ने खाेला था कातिलों का राज Bareilly News
घटना की जानकारी होने पर तुरंत पहुंचे सुबूत जुटाए पूछताछ की और फिर किस तरह जल्द चार्जशीट तैयार हुई जिससे केस को मजबूती मिली।
जेएनएन, बरेली : घटना जितनी वीभत्स थी, कोर्ट ने फैसला भी उसे देखते हुए ही दिया है। दोषियों को फांसी की सजा तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले तत्कालीन सीओ नरेश कुमार ने ‘जागरण’ से बातचीत में घटनाक्रम साझा किया। बताया कि घटना की जानकारी होने पर तुरंत पहुंचे, सुबूत जुटाए, पूछताछ की और फिर किस तरह जल्द चार्जशीट तैयार हुई जिससे केस को मजबूती मिली।
मौके पर पहुंच कर तुरंत जुटाए थे सुबूत : शाम करीब साढ़े चार बजे सूचना आई थी कि एक बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई है। बच्ची अनुसूचित जाति की थी। सूचना मिलते ही तत्कालीन इंस्पेक्टर आर के सिंह और वह मौके पर पहुंचे थे। लड़की सरसों के खेत में पड़ी थी।
उसके गर्दन पर निशान थे और प्राइवेट पार्ट से काफी खून बहा था। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद आरोपितों की तलाश में जुट गए थे। गांव के लोगों ने मुरारीलाल का ही नाम लिया। बताया कि शिकायत नहीं की, लेकिन वह पहले भी ऐसा कर चुका है।
शक के आधार पर उठाया था आरोपित को : नरेश कुमार बताते हैं कि शक के आधार पर मुरारीलाल को उठाया था। पूछताछ में थोड़ी सख्ती दिखाने पर उसने सब बता दिया। इसके बाद उसी की निशानदेही पर उमाकांत को भी पकड़ लिया गया।
सलवार और चादर पर मिले थे खून के निशान : मौके से मिले बच्ची के कुछ कपड़े व मुरारी की निशानदेही पर सलवार व अन्य सामान बरामद हुआ था। इन सभी जगह खून के अलावा अन्य निशान भी थे। यह निशान सीमन के लग रहे थे। फारेंसिक रिपोर्ट में यह पुष्ट भी हो गया था।
हर कड़ी जोड़कर साक्ष्यों के साथ लगाई थी चार्जशीट: चार्जशीट लगाने में दो महीने का समय लिया था। आरोपितों की गिरफ्तारी, परिस्थितिजन्य और मौके से मिले साक्ष्यों से कड़ियां मिल गईं थी। दोषियों ने भी घटना करना कुबूल किया था। मेडिकल के दौरान दोषियों ने डॉक्टर को भी काफी कुछ बता दिया था।
अब मऊ के मधुवन में तैनात है सीओ :तत्कालीन सीओ नरेश कुमार इन दिनों जिला मऊ में मधुवन सीओ के पद पर तैनात हैं। उन्होंने बताया कि इस घटना के करीब आठ महीने बाद ही उनका स्थानांतरण हो गया था।