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सहकारी समिति के एकाउंटेंट ने सुसाइड नोट में खोला भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का पुलिंदा, पढ़े

सहकारी समिति के एकाउंटेंट ने गुरुवार दोपहर ट्रेन से कटकर जान दे दी। मृतक की जेब में सुसाइड नोट भी मिला जिसमें समिति के सचिव व रिटायर्ड आंकिक को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 02:34 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 02:34 PM (IST)
सहकारी समिति के एकाउंटेंट ने सुसाइड नोट में खोला भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का पुलिंदा, पढ़े
सहकारी समिति के एकाउंटेंट ने सुसाइड नोट में खोला भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का पुलिंदा, पढ़े

जेएनएन, शाहजहांपुर : सहकारी समिति के एकाउंटेंट ने गुरुवार दोपहर ट्रेन से कटकर जान दे दी। मृतक की जेब में सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें समिति के सचिव व रिटायर्ड आंकिक को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया। आरोप है कि सरकारी खजाने की बंदरबाट में शामिल न होने पर उन्हें डराया-धमकाया जा रहा था। वहीं, नौकरी से निकलवाने की धमकी दी जा रही थी। एकांउटेंट दिसंबर से संस्पेड चल रहा था।

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पीलीभीत के ललौरीखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव कल्याणपुर निवासी नरेश चंद्र गंगवार पुवायां तहसील की किसान सेवा सहकारी समिति दिउरिया गुटैया में एकाउंटेंट के पद पर तैनात थे। एक किसान के खेत में गलत एंट्री करने पर उन्हें 26 दिसंबर 2018 को निलंबित कर दिया गया था। तब से काफी परेशान रहते थे। गुरुवार दोपहर वह शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। करीब तीन बजे जैसे ही प्लेटफार्म पांच से सीतापुर पैंसेंजर ट्रेन छूटी, नरेश उसकी आखिरी बोगी के नीचे कूद गए। उन्हें कूदता देख यात्रियों ने शोर मचाया तो जीआरपी प्रभारी अरविंद कुमार पांडेय भी वहां पहुंच गए। मगर तब तक बोगी के पहिये से कटकर उनकी मौत हो चुकी थी।

एसपी के नाम लिखा सुसाइड नोट

तलाशी लेने पर नरेश की जेब से एक सुसाइड नोट मिला, जो एसपी के नाम लिखा है। जिसमें नरेश ने आरोप लगाया कि समिति के सचिव हरिओम व रिटायर्ड एकाउंटेंट मिलकर सरकारी खजाने में जाने वाला संग्रह शुल्क अपनी जेबों में भर रहे हैं। मैनें घोटाले में साथ नहीं दिया तो नौकरी से निकलवाने के लिए डराया-धमकाया जा रहा था। नरेश ने सुसाइड नोट में लिखा कि दोनों पर धारा 302 में कार्रवाई की जाए।

सचिव ने दी सफाई, आरोप सरासर निराधार

नरेश ने जो भी आरोप लगाए है वह सरासर निराधार है। मेरी समिति में सभी काम सही से हो रहे हैं। जांच में सब सामने आ जाएगा। -हरिओम शुक्ल, सचिव

परिजनों को दी गई सुसाइड नोट की कॉपी

मृतक की जेब से सुसाइड नोट मिला था। उसकी एक कॉपी परिजनों को दे दी है। किसी ने अब तक तहरीर नहीं दी है। -अरविंद कुमार पांडेय, जीआरपी प्रभारी शाहजहांपुर

पोल खोलने पर अधिकारी बोले- डिप्रेशन का शिकार थे नरेश

नरेश डिप्रेशन का शिकार थे। कार्य के प्रति लापरवाही करने पर उन्हें कई बार निलंबित भी किया गया। नोटबंदी व ऋण माफी के बाद से समिति कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिल पा रहा है। इस कारण भी वह परेशान थे। बहरहाल, मामले की जांच कराई जा रही है। -पीके शुक्ला, सहायक निबंधक व सहायक आयुक्त, सहकारिता


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