को-मॉर्बिड कोरोना संक्रमितों को सीधे नहीं भेजा जाएगा घर
को-मॉर्बिड कोरोना संक्रमित मरीज की जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ऐसे मरीजों को नॉन कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
बरेली, जेएनएन : कोरोना संक्रमित पाए जाने पर मरीज को स्वास्थ्य विभाग की टीम कोविड अस्पताल भेज देती थी। वहां सात दिन की अवधि पूरी होने के बाद महज लक्षण के आधार पर बिना जांच किए ही घर भेज दिया जाता था। शासन ने अब कोविड नियमों में बदलाव किए हैं। इसमें अन्य बीमारियों से ग्रसित कोरोना मरीजों का अब बिना आरटी-पीसीआर या ट्रू-नेट मशीन की जांच कराए जाने नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा को-मॉर्बिड कोरोना संक्रमित मरीज की जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ऐसे मरीजों को नॉन कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. रंजन गौतम ने बताया कि ऐसे मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उन्हें अन्य बीमारी के उपचार के लिए नॉन कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। वहां बीमारी में राहत मिलने के बाद ही घर जाने दिया जाएगा।
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70 फीसद मृतकों में था को-मॉर्बिड
जिले में करीब 252333 लोगों की जांच की जा चुकी है, इनमें से 11650 से अधिक लोग पॉजिटिव आए।वहीं 182 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। कोरोना संक्रमित मृतकों की डेथ रिपेार्ट के अनुसार करीब 70 फीसद लोग ऐसे थे जो जिन्हें एक से अधिक बीमारियां थीं। इसके चलते ही वह संक्रमण की चपेट में आए और रिकवर नहीं हो सके।
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हाई रिस्क मरीज
-पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे
-60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग
-गर्भवती
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को-मॉर्बिड मरीज
- रक्तचाप, मधुमेह, किडनी, दिल के रोगी
- लंबे समय से चल रही बीमारी