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Chinmayananda case : छात्रा बोली, एसआइटी जानबूझकर मुझे दोषी साबित करने में जुटी

एलएलएम में प्रवेश लेने के लिए एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली पहुंची छात्रा ने मीडिया से बातचीत में एसआइटी की जांच को संदेह के घेरे में खड़ा किया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 08:25 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 08:26 PM (IST)
Chinmayananda case : छात्रा बोली, एसआइटी जानबूझकर मुझे दोषी साबित करने में जुटी
Chinmayananda case : छात्रा बोली, एसआइटी जानबूझकर मुझे दोषी साबित करने में जुटी

बरेली, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर दुष्कर्म व यौन शोषण का आरोप लगाने वाली और उनसे रंगदारी मांगने के आरोप में शाहजहांपुर जेल में बंद छात्रा शुक्रवार को एलएलएम में प्रवेश लेने के लिए एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय परिसर पहुंची। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उसने विशेष जांच दल (एसआइटी) की जांच को संदेह के घेरे में खड़ा किया। कहा कि वीडियो और रंगदारी के मामले में उसे जानबूझकर दोषी साबित करने की कोशिश की जा रही है।

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छात्रा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि झूठे सुबूत बनाए जा रहे हैं। कहा कि रंगदारी से जुड़े वीडियो किसने बनाए और उसका क्या इस्तेमाल हुआ, उसे कोई जानकारी नहीं है। छात्रा ने खुद पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया और बोली कि उसने एलएलएम तृतीय सेमेस्टर में दाखिला लिया है। वह पढ़ाई करके लॉ कॉलेज में प्रोफेसर बनना चाहती है।

पुलिस अभिरक्षा में सुबह ही पहुंच गई थी छात्रा

शाहजहांपुर जेल से छात्रा सुबह करीब छह बजे बरेली के लिए निकली और साढ़े आठ बजे पहुंची। इसके बाद कैंपस के गलियारों में पुलिस के साथ ही घूमते नजर आई। दस बजे रजिस्ट्रार डॉ. सुनीता पांडेय के पहुंचने पर उसके दाखिले की प्रक्रिया पूरी हुई। करीब एक बजे तक छात्रा दाखिला लेने के बाद हॉस्टल पहुंची, जहां उसे कमरा दिखाया गया। एलएलएम का पाठ्यक्रम और परीक्षा का शेड्यूल हासिल किया।

25 नवंबर से परीक्षाएं, बेल के लिए दायर करेंगे याचिका

छात्रा के साथ पहुंचे पिता बोले, एलएलएम में एडमिशन तो मिल गया अब परीक्षा की तैयारी के लिए उसे समय चाहिए। जेल में वह पढ़ाई नहीं कर पाएगी। इसलिए कोर्ट में बेल के लिए आवेदन करेंगे। एलएलएम की परीक्षाएं 25 नवंबर से शुरू हो रहीं। छात्रा का पहला पेपर 28 नवंबर को है।

कोर्ट के आदेश पर मिला प्रवेश का मौका

छात्रा ने जब चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया तो सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया था। उप्र शासन को निर्देश दिया था कि एसआइटी जांच कराएं और छात्रा की आगे की पढ़ाई का इंतजाम किया जाए। चूंकि छात्रा व उसका भाई चिन्मयानंद के कॉलेज में ही पढ़ाई करते थे, इसलिए दोनों का प्रवेश बरेली में कराने को कहा गया। 25 सितंबर को छात्रा को जेल भेज दिया गया। इसके बाद प्रवेश के लिए उसके वकील ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां अपील की थी। कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को उसके प्रवेश की प्रक्रिया पूरी कराई गई। वहीं उसके भाई का अन्य लॉ कॉलेज में एलएलबी में प्रवेश कराया गया।


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