Chinmayanand Case: एसआइटी दुबारा करा सकती है सभी के बयान Shahjahanpur News
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर लगे दुष्कर्म व उनसे ब्लैकमेलिंग के मामले में बयान दे चुके लोगों को कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है। विशेष जांच दल (एसआइटी) की ओर से सभी लोगों के दोबारा बयान व गवाही कराई जा सकती है
जेएनएन, शाहजहांपुर : पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर लगे दुष्कर्म व उनसे ब्लैकमेलिंग के मामले में बयान दे चुके लोगों को कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है। विशेष जांच दल (एसआइटी) की ओर से सभी लोगों के दोबारा बयान व गवाही कराई जा सकती है, जो इन दोनों प्रकरण के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, यह प्रक्रिया कोर्ट ट्रायल शुरू होने के बाद ही होगी।
SIT ने लिए थे 105 लोगों के statement
एसआइटी ने दोनों मामलों की जांच करते हुए 105 लोगों के बयान लिए थे। इनमें चिन्मयानंद के करीबी लोगों के साथ ही छात्रा के माता-पिता, भाई के अलावा वकील, छात्रा को बरामद करने वाली क्राइम ब्रांच टीम के सदस्य शामिल थे। चिन्मयानंद के मुमुक्षु आश्रम, एसएस लॉ कॉलेज व एसएस कॉलेज के स्टाफ के भी बयान लिए गए थे। जांच के दौरान इन लोगों के बयान से एसआइटी को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली थीं। जिससे इन दोनों केस में खुलासे के साथ ही मुमुक्षु आश्रम व कॉलेजों में नियुक्ति व कुछ अन्य अनियमितताओं के मामले भी सामने आए थे। एसआइटी की जांच दुष्कर्म व ब्लैकमेङ्क्षलग के मामले से संबंधित थी इसलिए उसने पुलिस व कॉलेजों में अनियमितता से संबंधित रिपोर्ट शासन को सौंप दी है।
दाखिल की थी 4700 पेज की Chargesheet
दुष्कर्म व ब्लैकमेलिंग के मुकदमों में चार्जशीट लगने के बाद कोर्ट ट्रायल शुरू हो गया है। ऐसे में अभियोजन पक्ष की ओर से उन सभी लोगों को फिर से कोर्ट में बुलाया जा सकता है, जिनके बयान इन दोनों मुकदमों में महत्वपूर्ण हैं। जिनकी गवाही से चिन्मयानंद या ब्लैकमेङ्क्षलग के आरोपितों के वकील अपनी पैरवी को मजबूत कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए सबसे पहले एसआइटी की 4700 पेज की केस डायरी का इंतजार किया जा रह है जोकि अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है।
अपील कर सकते हैं Blackmailing के आरोपित
चिन्मयानंद से ब्लैकमेङ्क्षलग के आरोपित संजय ङ्क्षसह, विक्रम ङ्क्षसह व सचिन सेंगर हाईकोर्ट में जमानत के लिए अपील कर सकते हैं। इसके लिए आरोपित अपने अधिवक्ताओं की राय ले रहे हैं। चिन्मयानंद व छात्रा की ओर से पहले ही अपील की जा चुकी है। छात्रा की जमानत पर 29 नवंबर को सुनवाई होनी है, जबकि चिन्मयानंद की जमानत पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है।
BJP Leader डीपी सिंह करा सकते हैं जमानत
चिन्मयानंद से ब्लैकमेङ्क्षलग के मामले में आरोपित बनाए गए डीसीबी चेयरमैन, भाजपा के पूर्व महामंत्री डीपीएस राठौर व युवा मोर्चा के पूर्व महामंत्री अजीत ङ्क्षसह समन रिसीव होने के बाद कोर्ट से जमानत करा सकते हैं। ब्लैकमेलिंग के अन्य आरोपितों के साथ भाजपा नेताओं को कोर्ट ट्रायल के दौरान पेश होना पड़ सकता है। दोनों भाजपा नेता के नाम एसआइटी ने चार्जशीट में शामिल किए हैं। हालांकि, जमानतीय धाराएं होने के कारण उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई थी।