बरेली में चल रहा था ऐसे कॉलसेंटर, जहां बेरोजगारों को फंसाने पर मिलता था 800 रूपए इंसेंटिव
कोविड-19 में बेरोजगारों को ठगने के लिए जालसाजोें ने एक कॉल सेंटर के जरिए अपना जाल फैलाया था। उस जाल में नौकरी दिलाने के बहाने बेरोजगारों को फंसाए जाने की कवायद भी की जाने लगी।
बरेली, जेएनएन। कोविड-19 में बेरोजगारों को ठगने के लिए जालसाजोें ने एक कॉल सेंटर के जरिए अपना जाल फैलाया था। उस जाल में नौकरी दिलाने के बहाने बेरोजगारों को फंसाए जाने की कवायद भी की जाने लगी। जिसमें एक दर्जन लड़कियों को भी लगाया गया। लेकिन पुलिस के मुखबिर तंत्र ने रैकेट चलाने वालों की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बीसलपुर चौराहे के पास चलने वाले एक कॉल सेंटर पर पुलिस ने अचानक दबिश दी। जिसके दौरान पुलिस को वहां से लैपटाप, मोबाइल सहित करीब एक दर्जन लड़किया मिली। इसके साथ ही कॉल सेंटर से पुलिस ने कई दस्तावेज भी बरामद किए। हांलाकि दबिश के पहले रैकेट के सरगना का फरार होना फिर से पुलिस के सूचना तंत्र पर सवाल खड़ा करते नजर आ रहा है।
बारादरी इंस्पेक्टर शितांशु शर्मा के अनुसार उन्हें बीसलपुर चौराहा पर फर्जी काल सेंटर संचालित किए जाने की सूचना मिली। जिसके आधार पर उन्होंने सोमवार देर रात दबिश दी। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने कुछ लोगों को पकड़ा और उनसे पूछताछ की तो कुछ तथ्य पुलिस के सामने अाए। पुलिस को पता चला कि संभल का प्रशांत भार्गव इस कॉल सेंटर को किराए की बिल्डिंग में संचालित कर रहा है। जो वर्तमान में बरेली के पवन बिहार में रह रहा है।
दस्तावेंजों के साथ मिली ये जानकारी
पुलिस को इंजीनियर, मेडिकल की डिग्रीधारक युवकों के जॉब के लिए आवेदन करने संबंधी दस्तावेज सैकड़ों की संख्या में मिले। बेरोजगारों को फंसाने के लिए काॅल सेंटर से दस्तावेजों के सत्यापन की रिपोर्ट ई मेल के जरिए भेजी जाती थी। जिसमें उनके दस्तावेजों के सत्यापन करने की रिपोर्ट होती है कि कंपनी ने दस्तावेजों का सत्यापन कर लिया है, और आपका सेलेक्शन होने पर टेलीफोनिक इंटरव्यू का अमाउंट आपकी पहले महीने की सैलरी में एडजस्ट हो जाएगा। अगर इंटरव्यू में सलेक्ट नहीं होते तो 24 घंटे में पैसा वापस कर दिया जाएगा। इसके लिए 1800 से दो हजार रुपए युवकों से ऐठे जाते थे।
बेरोजगार फंसाने पर देते थे 800 का इंसेंटिव
जगतपुर, कोहाड़ापीर, नवादा शेखान, श्यामगंज, सैलानी व अन्य एरिया की रहने वाली लड़कियों को दो हजार रुपए महीने पर रखा था। एक बेरोजगार को फंसाने पर उन्हें 800 रुपए इंसेंटिव मिलते थे
टारगेट पर होते थे कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार के युवा
तमिलनाडु, कर्नाटक, व अन्य राज्य के युवाओं को फोन करने के लिए डॉटा नौकरी डॉट कॉम से चोरी किया जाता था। जॉब सर्च करने वाले का ईमेल मिलने के बाद फोन करके पूरी डिटेल पूछी जाती थी। फिर उन्हें नामी कंपनी में उनकी शिक्षा के हिसाब से चुना जाता था।
फोन आइडी खुले कई राज, पुलिस कर रही जांच
कॉल सेंटर एक महीने पहले ही खुला। सभी मोबाइल बेसिक फोन हैं। इनसे सिर्फ काल की जाती थीं। यह नंबर किसके हैं। क्या इन्हें प्रशांत भार्गव ने दिया। उसने आईडी किसकी लगी हैं। इसकी पुलिस जांच कर रही है।
मुखबिर सूचना के आधार पर कार्रवाई हुई है। अब शहर में ऐसे दूसरे कॉल सेंटर भी टारगेट पर है। छानबीन चल रही है। कई बाते सामने आना बाकी है। - अभिषेक आनंद, सीओ थर्ड