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घोटाला सामने लाने के लिए सीए की मदद लेगी पुलिस

गंगा इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड में निवेशकों का कितना डूबा इसका पता लगाने के लिए पुलिस अब सीए की मदद लेगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 09:46 AM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 09:46 AM (IST)
घोटाला सामने लाने के लिए सीए की मदद लेगी पुलिस
घोटाला सामने लाने के लिए सीए की मदद लेगी पुलिस

जागरण संवाददाता, बरेली: गंगा इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड में निवेशकों का कितना रुपया डूबा इसका पता लगाने के लिए पुलिस अब सीए की मदद लेगी। पुलिस ने विभाग के सीओ को बुलाया है। मंगलवार को सीए कंपनी की बैलेंस शीट देखेंगे। सारा डाटा चेक किया जाएगा। तब जाकर पता चल सकेगा कि कंपनी में कितनी रकम डूब गई।

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सोमवार को पुलिस ने कुशीनगर से आए दस्तावेजों की जांच शुरू की। इन दस्तावेजों में राजेश मौर्या ने हाथ से इंट्री की है। पुलिस को अब यह पता लगाना है कि जो इंट्री हो रही है वह सही है या नहीं इसके लिए निवेशकों की रसीद चाहिए होगी। अच्छी बात यह है कि राजेश की तरफ से जो भी रकम दी गई है व आरटीएस व चेक के जरिये दी गई है। इससे पुलिस को यह आसानी से पता चल जाएगा कि कितनी रकम कंपनी में आई और कितनी गई। इसी के मद्दनेजर सीए की मदद ली जा रही है। पुलिस विभाग के सीए ने क्राइम ब्रांच को मंगलवार का समय दिया है।

रजिस्टर्ड निकली फर्म

पुलिस ने राजेश से फर्म के कागजात मांगे। कागजात चेक करने के बाद पता चला कि फर्म रजिस्टर्ड है। इस फर्म के जरिए ही राजेश ने निवेशकों के करोड़ों रुपये लगाए।

जमीन के धंधे में मोटी रकम लगाई थी राजेश ने

अभी तक की जांच पड़ताल में यह सामने आया है कि राजेश ने जमीन के धंधे में मोटी रकम लगाई थी। तमाम जगह उसने कई एकड़ जमीन खरीद कर डाली थी। इतना ही नहीं उसने फ्लैट भी बनाकर बेचे। राजेश की मानें तो तमाम निवेशकों को उसने जमीन की रजिस्ट्री भी की है। पुलिस की टीम मंगलवार को रजिस्ट्री विभाग जाकर पता लगाएगी कि गंगा इंफ्रा की तरफ से कितनी रजिस्ट्रियां की गई हैं।

जनता का पैसा हजम करने वाले भी फसेंगे: एसपी क्राइम

एसपी क्राइम रमेश कुमार भारतीय ने कहा कि पुलिस का ध्यान अभी सिर्फ इस बात पर है कि कितने निवेशकों की रकम डूबी है। इसके लिए निवेशकों से रसीदें व अन्य कागजात मांगे जा रहे हैं जिससे कि मिलान किया जा सके। राजेश को छोड़कर अभी वह आफिस के किसी भी व्यक्ति से कोई सवाल ही नहीं कर रहे हैं। एक बार बैलेंस शीट बन जाए। किस-किस के पास कितना रुपया आया और कितना जमा किया। इसका मिलान हो जाए फिर रुपये हजम करने वालों से पूछताछ की जाएगी। जनता का पैसा हजम करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। चाहे वह फिर कोई भी क्यों न हो। पुलिस अभी साक्ष्य जुटा रही है।


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