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Action : बदायूं में कब्रिस्तान की जमीन पर खड़ी पूर्व विधायक की कोठी पर चला बुलडोजर

विधायक रहे रामसेवक सिंह पटेल की कोठी को लेकर विवाद चल रहा था।कब्रिस्तान की जगह कब्जा कर कोठी बनवाने की शिकायत पर जांच हुई थी। जिला प्रशासन की जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हो चुकी है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 11:58 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 05:42 PM (IST)
Action : बदायूं में कब्रिस्तान की जमीन पर खड़ी पूर्व विधायक की कोठी पर चला बुलडोजर
Action : बदायूं में कब्रिस्तान की जमीन पर खड़ी पूर्व विधायक की कोठी पर चला बुलडोजर

बदायूं , जेएनएन । Action in Badaun: शहर से पांच बार विधायक रह चुके राम सेवक सिंह पटेल की कोठी पर मंगलवार को प्रशासन ने बुलडोजर चलाना शुरु कर दिया है। विधायक रहे रामसेवक सिंह पटेल की कोठी को लेकर विवाद चल रहा था।कब्रिस्तान की जगह कब्जा कर कोठी बनवाने की शिकायत पर जांच हुई थी। जिला प्रशासन की जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हो चुकी है। इसके बाद रामसेवक पटेल ने मंडलायुक्त के यहां भी अपील की थी। वहां से अपील खारिज हो जाने के बाद प्रशासन ने जेसीबी से कोठी तोड़वानी शुरू कर दी है।

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कार्रवाई के लिए किया रूट डायवर्जन

पुलिस लाइंस चैराहे से लेकर दातागंज तिराहे तक वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है। रुट डायवर्जन कर दूसरे रास्ते से वाहनों को निकाला जा रहा है। नगर मजिस्ट्रेट अमित कुमार ने बताया कि कब्रिस्तान की जगह पर कागजों में हेराफेरी कर कोठी बनवाई गई है। जांच में इसकी पुष्टि हो चुकी है। इसके बाद आज करवाई की गई है।

मामले में तत्कालीन डीएम ने कराई थी जांच

वाहरपुरी स्थित मुख्य मार्ग पर पूर्व विधायक रामसेवक सिंह पटेल की कोठी बनी है। सरकार आने के बाद शिकायतें शुरू हुईं कि कब्रिस्तान की जमीन पर कोठी बनी है। तत्कालीन डीएम दिनेश कुमार सिंह ने तीन सदस्यीय टीम से जांच कराई। जांच में पता चला कि कब्रिस्तान की जमीन के कागजातों पर हेराफेरी कर पूर्व विधायक ने अपना नाम दर्ज करा लिया।

इसमें एक लेखपाल को भी आरोपित ठहराया गया। फिर राजस्व विभाग ने पूर्व विधायक और लेखपाल पर मुकदमा दर्ज कराया। पूर्व विधायक ने अपनी कोठी का काफी हिस्सा खुद तोड़कर प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ कमिश्नर के यहां अपील की। जिसके बाद अपील खारिज हो गई।

पूर्व विधायक बोेले- बिना नोटिस दिए ही कर दी कार्रवाई

पूर्व विधायक रामसेवक सिंह पटेल का कहना है कि राजनीतिक द्वेशवश मेरे साथ जो व्यवहार हो रहा है वह ठीक नहीं है। मेरी कोठी है वह भी मेरी जमीन है। कब्रिस्तान प्राइवेट जमीन है, जिस व्यक्ति के नाम थी उसने इकरारनामा कर मुझे बैनामा कर दिया था। कोठी को गिराने के लिए मुझे आज तक कोई नोटिस नहीं दिया गया है।


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