कीमती प्याज की पहरेदारी कर रहे आढ़ती Bareilly News
डेलापीर थोक मंडी में तो अपने माल की रखवाली के लिए चिंतित आढ़ती खुद ही पहरेदारी कर रहे हैं। सर्द रात में भी प्याज की बोरियों पर ही सो रहे हैं।
जेएनएन, बरेली : दिनों-दिन कीमत बढ़ने से प्याज बेशकीमती हो गया है। चोरों की नजरें तक इस पर टिक गई हैं। डेलापीर थोक मंडी में तो अपने माल की रखवाली के लिए चिंतित आढ़ती खुद ही पहरेदारी कर रहे हैं। सर्द रात में भी प्याज की बोरियों पर ही सो रहे हैं। कारण मंडी में 300 रुपये प्रति धड़ी (पांच किलो) वाला प्याज शहर में 120 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है।
चार-पांच सिपाहियों पर रात भर सुरक्षा का जिम्मा : डेलापीर मंडी में सुरक्षा व्यवस्था के लिए चार-पांच सिपाही तैनात हैं। पूरे मंडी स्थल की निगरानी रात में इन्हीं के भरोसे रहती है। फिर भी आढ़ती प्याज की पहरेदारी के लिए फिक्रमंद हैं। आढ़तियों का कहना है कि दो किलो भी प्याज चोरी हुआ तो दो-ढाई सौ रुपये की चपत लगेगी। प्याज व अन्य सब्जियों से लदे ट्रक दोपहर बाद से मंडी पहुंचते हैं। रात भर माल खुले में रहता है इसलिए आढ़ती खुद निगरानी कर रहे। रात तीन बजे से सुबह छह बजे तक प्याज के ढेर पर ही सो जाते हैं।
अफगानी प्याज का पसंद नहीं आया स्वाद : देशी प्याज की तेजी कीमतें बढ़ीं तो आढ़ती अफगानी प्याज मंगाने लगे। बड़े आकार और वजदार होने के चलते होटलों, रेस्तरां और फूड स्टाल वालों को तो खूब भाया, लेकिन आम ग्राहकों को स्वाद पसंद नहीं आया। इससे रुख फिर देसी प्याज की ओर ही करना पड़ा। सलाद की प्लेट से तो प्याज फरार ही है।
पकौड़ी से भी दूर हुआ प्याज : सर्दी में पकौड़ी व नाश्ते का स्वाद लुभाता है। प्याज महंगा हुआ तो सलाद की प्लेट से ही नहीं, ठेले, फूड स्टाल की पकौड़ियों से भी गायब हो गया। सिकलापुर चौराहे पर पकौड़ी की दुकान लगाने वाले अरविंद यादव बताते हैं कि पिछले दस दिनों में बिक्री कम हुई है। पहले 25 किलो तक माल बिक जाता था, जो घटकर 15 किलो तक रह गया है।
रातभर जागकर प्याज की रखवाली करते हैं। रात तीन बजे से छह बजे तक चोरी का खतरा रहता है। अलाव के सहारे रातभर जागते रहते हैं।
- इरफान, सुरक्षाकर्मी
प्याज महंगी होने से रात में चोरी की घटनाएं बढ़ रही थीं। ट्रक से माल उतरने के बाद सुरक्षा कड़ी करनी पड़ती है। सभी गोदामों के आगे प्राइवेट सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं।
- मुहम्मद युसुफ, आढ़ती
प्याज की पकौड़ी खाने में कुरकुरी होती है। आलू और बैगन की पकौड़ी में घी भरा होने से स्वाद किरकिरा हो जाता है लेकिन, महंगाई बाधक बनी हुई है।
- सुमित, ग्राहक
प्याज महंगा होने से पकौड़ी की कीमत बढ़ गई है। अब प्याज की जगह मजबूरी में हम पालक, बैगन और मूंग की दाल की पकौड़ी ही खा रहे हैं।
-शारिब, ग्राहक
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