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मुखबरी से बचने के लिए कैशलैश हो गया काला कारोबार Bareilly News

पकड़े गए अधिकतर युवक उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों से हैं। जीआरपी अब सिविल पुलिस की मदद से इस रैकेट का पर्दाफाश करने की कोशिश में है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 09:30 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 05:42 PM (IST)
मुखबरी से बचने के लिए कैशलैश हो गया काला कारोबार Bareilly News
मुखबरी से बचने के लिए कैशलैश हो गया काला कारोबार Bareilly News

बरेली, जेएनएन : जीएसटी लागू होने के बाद एक नंबर का कारोबार भले ही आज भी चोरी-छिपे कैश में किया जाता हो। लेकिन दो नंबर का काला कारोबार ऑनलाइन हो गया है। बीते दिनों जंक्शन पर जीआरपी ने कुछ स्मैक तस्करों और नशे के आदी लोगों को पकड़कर पूछताछ की। तब स्मैक तस्करी के बदले हुए नए तरीके पता चले। अब छोटे तस्कर वाट्सएप पर स्मैक डील करने के बाद पैसों का लेनदेन पेटीएम से कर रहे हैं। पकड़े गए अधिकतर युवक उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों से हैं। जीआरपी अब सिविल पुलिस की मदद से इस रैकेट का पर्दाफाश करने की कोशिश में है।

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135 पुड़िया और 35 ग्राम मिली स्मैक

जीआरपी ने जंक्शन पर दो युवकों से स्मैक की 135 पुड़िया बरामद कीं। पकड़े गए आरोपित उत्तराखंड के पदमपुर गढ़वाल निवासी आयुष बिष्ट और पौढ़ी गढ़वाल निवासी मनीष देवरानी थे। दोनों इंटर के छात्र थे। वहीं, एक दिन पहले जंक्शन पर ही एक युवक के पास से 35 ग्राम स्मैक पकड़ी थी। इसकी कीमत करीब 35 हजार थी। युवक सहारनपुर का रहने वाला गगन (20) है।

पहले फोटो का मिलान, फिर पुड़िया की सप्लाई

दरअसल, स्मैक तस्कर अब सप्लायर का नाम या नंबर नहीं बताते। बल्कि नशेबाजों और माल लेने के लिए आए लोगों को एक तय जगह बताते हैं। यह जगह सार्वजनिक होती है। यहां एक तय रंग की शर्ट पहनकर और हुलिया रखकर आने को कहते। साथ ही तय समय पर कुछ खाने या पीने के लिए कहते हैं। स्मैक देने वाले को युवक का फोटो भेज दिया जाता है। तय समय पर शख्स आता और फोटो मिलान के बाद स्मैक की पुड़िया देकर रवाना हो जाता।

न होती बात और न ही लिया जाता नकद

पूछताछ में यह भी पता चला कि स्मैक देने वाला महज फोटो मिलान कर माल पकड़ा जाता है। कोई बात नहीं करता। माल के बदले नकद नहीं लेता। इसका भुगतान पेटीएम के जरिए होता है।

देर रात होती स्मैक की डीलिंग

पूछताछ में सामने आया स्मैक की डीलिंग देर रात होती है। रेलवे जंक्शन के बाहर बनी बाजार, चौपुला के आसपास बाहर जिलों से आने वाले लोग स्मैक खरीदते हैं।

जंक्शन पर दो मामलों में कम उम्र के युवक स्मैक तस्करी करते मिले। पूछताछ में कई चौंकाने वाली बात सामने आईं। अधिकतर युवक उत्तराखंड के हैं, इनमें से कई पढ़ाई भी छोड़ चुके। -किशन अवतार, इंस्पेक्टर, जीआरपी


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