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विधायक पप्पू भरतौल ने कार्यालय में बंधक बनाकर पीओ डूडा को पीटा

बिथरीचैनपुर से भाजपा विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल एवं उनके समर्थक ने शनिवार फोन न उठाने और टेंडर को लेकर डूडा पीओ को कार्यालय में घुसकर पीटा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 07:38 PM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 07:55 PM (IST)
विधायक पप्पू भरतौल ने कार्यालय में बंधक बनाकर पीओ डूडा को पीटा

जेएनएन, बरेली। बिथरीचैनपुर से भाजपा विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल और उनके समर्थक शनिवार दोपहर डूडा कार्यालय पहुंचे। जहां परियोजना अधिकारी को कमरे में बंधक बनाकर थप्पड़ जड़े दिए। आरोप है कि चार दिन से फोन नहीं उठाने और ठेके को लेकर सिफारिश नहीं मानने को लेकर ऐसा किया गया। इसके बाद विधायक का अमला नगर निगम जाकर महापौर और नगर आयुक्त से मिला।

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घटना शनिवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे की है। रामपुर गार्डन स्थित डूडा कार्यालय में विधायक पप्पू भरतौल और उनके समर्थकों की गाड़ियां पहुंची। उस समय परियोजना अधिकारी विनय कुमार सिंह अपने कक्ष के बाहर खड़े थे। गाड़ी से उतरकर विधायक ने चार दिन से फोन नहीं उठाने पर गुस्सा जताया। विधायक समर्थकों ने पीओ को घेर लिया और उनके साथ मारपीट करने लगे। मारपीट से पीओ विनय जमीन पर गिर पड़े। उनका चश्मा भी नीचे गिर गया, जिसे विधायक समर्थकों ने पैर से कुचल दिया। आरोप है कि इसके बाद विधायक उन्हें कमरे में ले गए और दरवाजा बंद करके फिर पीटा। फिर कुछ देर वहां बैठने के बाद विधायक और उनके समर्थक नगर निगम चले गए। मारपीट से डूडा कार्यालय में खलबली मच गई। अचानक हुए घटनाक्रम से पूरा स्टाफ घबरा गया। पीओ डूडा ने मारपीट की शिकायत आला अफसरों से की। पीओ ने बताया कि मामले में हमें कुछ नहीं कहना है, यह बात सही है कि हमारे साथ मारपीट हुई है। इसकी शिकायत डीएम समेत अन्य अधिकारियों से करूंगा। -टेंडर किसी और को देने की चर्चा : सूत्रों के अनुसार, मामला इंटरलॉकिंग सड़कों के टेंडर का निकल कर आ रहा है। दरअसल, डूडा ने इंटरलॉकिंग से सात सड़कों के काम कराने के टेंडर निकाले हैं। ये काम करीब छह करोड़ रुपये के हैं। इन कामों के लिए विधायक ने भी एक ठेकेदार की सिफारिश की थी। बाद में काम एक मंत्री के रिश्तेदार को मिल गए। -विधायक बोले, मारपीट के आरोप गलत : विधायक राजेश मिश्रा ने बताया कि पीओ डूडा के साथ मारपीट का आरोप गलत है। यह बात सही है कि वह हमारा फोन चार दिन से नहीं उठा रहे थे। वहां चाय पीने के लिए गए थे। सुना है छह करोड़ के टेंडर कैंसिल हुए हैं, हो सकता है कि उन्हीं लोगों ने वहां हंगामा किया है। वे ही यह अफवाह फैला रहे हैं। हमारे सामने कुछ नहीं हुआ। हम वहां काफी देर बैठे रहे और चाय पीकर फिर नगर निगम चले गए। -नगर आयुक्त ने कहा, मामला संज्ञान में नहीं : नगर आयुक्त आरके श्रीवास्तव ने बताया कि हमारे संज्ञान में मामला फिलहाल नहीं है। पीओ डूडा ने हमें कोई सूचना नहीं दी है। अगर घटना हुई है तो वाकई काफी निंदनीय है।


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