UP Lok sabha Election result 2019: रुहेलखंड में सपा का आखिरी किला भी भाजपा ने किया ध्वस्त
बदायूं में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेद्र यादव को हराकर मंडल की सभी पांचों सीटें जीत कर भाजपा ने बता दिया कि मोदी है तो मुमकिन है।
जितेन्द्र शुक्ल, बरेली: तमाम गुणा-भाग के बाद भी यह तो पहले से तय दिख रहा था कि बरेली मंडल में भाजपा चार सीटें जीत रही है। लेकिन, बदायूं में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेद्र यादव को हराकर सभी पांचों सीटों की जीत कर उसने बता दिया कि मोदी है तो मुमकिन है।
बदायूं और आंवला में भाजपा के लिए तो यहां देवचरा में हुई मोदी की सभा रामबाण से कम नहीं रही। मोदी के नाम पर ऐसे वोट बरसे कि भाजपा के खाते में नया इतिहास जुड़ गया। जिस वक्त चुनाव घोषित हुए तब राजनीतिक विश्लेषक कह रहे थे कि वर्ष 2014 जैसी मोदी लहर नहीं है। हर-हर मोदी जैसा नारा सुनाई नहीं दे रहा। लेकिन, जमीनी सच्चाई कुछ और निकली। काम को लेकर प्रत्याशियों की आलोचना के बाद भी बरेली से संतोष गंगवार आठवीं बार सांसद चुने गए। सपा का गढ़ कही जाने वाली बदायूं संसदीय सीट पर भाजपा से स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्र का इस तरह जीत दर्ज करना, शाहजहांपुर में टिकट विवाद के बावजूद भाजपा के अरुण सागर को करीब ढाई लाख वोटों से जीत इसका प्रमाण है कि प्रत्याशी चाहे कोई था, वोट मोदी के नाम पर पड़े। दूसरी ओर गठबंधन की तस्वीर इससे इतर थी। पीलीभीत में सपा ने प्रत्याशी चयन में देर लगाई, वरुण गांधी के मुकाबले चेहरा भी कमजोर चुना। और कांग्रेस ने तो वॉकओवर ही दे दिया। वरुण भी ढाई लाख से अधिक वोटों से जीते। आंवला में भी प्रत्याशी चयन की स्थिति ऐसी ही थी। यहां बिजनौर की रुचिवीरा को मैदान में उतारा गया। और भाजपा ने स्थानीय निवासी अपने सांसद धर्मेद्र कश्यप पर दांव लगाया। रुहेलखंड में भाजपा के मुकाबले में खड़ी पार्टियां कमजोर संगठन, देर से प्रत्याशी घोषित होना और उनकी हर मतदाता तक पहुंच काफी कमजोर रही। जब जनता जनार्दन ने इतना विश्वास जताया है तो अब भाजपा जीते नेताओं से उम्मीदें भी बहुत हैं। कम से कम सालों से लटके विकास कार्य जल्द जमीन पर दिखने चाहिए।
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