Big Action : बरेली मंडल की 11 राइस मिल पर बड़ी कार्रवाई, सीज कर आरएफसी ने काटी आरसी, सभी को किया डिबार, जानिए वजह
Big Action क्रय केंद्रों से राइस मिलों को चावल बनाने के लिए धान दिया जाता है। मंडल के 11 राइस मिलर्स ने खरीद समाप्त हुए आठ माह होने के बाद भी अभी तक सीएमआर (चावल का उतार) नहीं दिया।
बरेली, जेएनएन। Big Action : क्रय केंद्रों से राइस मिलों को चावल बनाने के लिए धान दिया जाता है। मंडल के 11 राइस मिलर्स ने खरीद समाप्त हुए आठ माह होने के बाद भी अभी तक सीएमआर (चावल का उतार) नहीं दिया। सभी को नोटिस देने के बाद भी राइस मिल मालिकों ने अभी तक चावल का उतार नहीं कराया। डिप्टी आरएमओ से राइस मिलों में स्टॉक चेक कराने पर भी गड़बड़ी मिली। जिसके बाद संभादीय खाद्य नियंत्रक जोगिंदर सिंह ने मंडल की 11 राइल मिल को सीज कराने के साथ ही सभी की आरसी काट उन्हें डिबार करने के निर्देश दिए हैं। वहीं सील किए गए चावल की बिक्री से धनराशि की वसूली करने के भी निर्देश दिए हैं।
राइस मिल मालिकों को 67 प्रतिशत के हिसाब से चावल का उतार सरकारी गोदामों में करना होता है। मगर मंडल के 11 राइस मिल मालिकों ने शत-प्रतिशत चावल का उतार गोदामों में नहीं किया। इस पर मिल मालिकों को पहले नोटिस जारी किए गए। करोड़ों रुपये का चावल निर्धारित समय सीमा निकलने के बाद भी जमा नहीं किया। जिसके बाद आरएफसी जोगिंदर सिंह ने चावल का उतार न करने वाली राइस मिलों के स्टाक का सत्यापन डिप्टी आरएमओ से कराया।
सभी राइस मिल को मय चावल के स्टाक के सील करा दिया। अब सभी को डिबार करने के निर्देश भी दिए हैं। आरएमओ राममूर्ति वर्मा ने बताया कि राइस मिल मालिकों को 31 अगस्त तक चावल उतार का समय दिया गया था। 11 राइस मिलरों से जितना चावल उतार कराना है उतना स्टाक मिल में मिलने पर उसे सील करा दिया गया। साथ ही वसूली का आरसी भी जारी किया गया है। इसमें बरेली की पांच, पीलीभीत की चार, शाहजहांपुर की दो राइस मिल हैं।
बरेली की राइस मिल पर एक नजर
राइस मिल - शेष सीएमआर
गोल्डन राइस मिल नवाबगंज - 721.81 टन
सार इम्पैक्स राइस मिल फतेहगंज पूर्वी - 1340.64 टन
गुलशन इंडस्ट्रीज रिछा - 29 टन
यासिर राइस इंडस्ट्रीज रिछा - 136.19 टन
रुहेलखंड राइस मिल नवाबगंज - 239.60 टन
कुल - 2467.24 टन
मंडल की 11 राइस मिल की आरसी काट, रिकवरी के निर्देश दिए गए हैं। इन मिलों को डिबार भी किया जा रहा है। - जोगिंदर सिंह, आरएफसी