सावधान : लुक बदल कर वायरस कर रहा लिवर पर हमला, जानिए कैसे Bareilly News
वायरस ने इस बार अपनी चाल बदलते हुए जिगर को फुलाना शुरू किया है। यही कारण हैं कि मरीजों में वायरस के कारण परेशानी बढ़ी है। इतना ही नहीं इस बार वायरल ने अपने चक्र को बदला है।
जेएनएन, बरेली : बदलते मौसम में बलवान हुआ वायरस मरीजों के फेफड़ों को कम जिगर पर ज्यादा घातक हुआ है। वायरस ने इस बार अपनी चाल बदलते हुए जिगर को फुलाना शुरू किया है। यही कारण हैं कि मरीजों में वायरस के कारण परेशानी बढ़ी है। इतना ही नहीं इस बार वायरल ने अपने चक्र में भी बढ़ोतरी की है। इसी के चलते जिला अस्पताल में वायरल हेपेटाइटिस के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है।
virus ने बदला अपना स्वरूप
चिकित्सकों के मुताबिक इस साल वायरस ने अपना स्वरूप बदला है। हर साल वायरल बुखार मरीजों के फेफड़ों पर असर डालता था, जिससे मरीजों में सांस के फूलने की शिकायत सबसे अधिक रहती थी। इस बार फेफड़ों से ज्यादा जिगर पर प्रभाव पड़ रहा है। वायरस चाहे डेंगू का हो या सामान्य बुखार का, मरीजों के जिगर को फुला रहा है। मरीज के खून में मौजूद एनजाइम एसजीपीटी (सामान्य 40) बढ़कर दो सौ, तीन सौ तक पहुंच रहा है। इससे अधिक होने पर यह स्थिति जानलेवा भी साबित हो सकती है।
बढे़ viral Hepatitis के मरीज
जिले में मलेरिया, डेंगू के साथ ही अब वायरल हेपेटाइटिस के मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी होने लगी है। डेंगू या अन्य वायरस से होने वाले बुखार के कारण जिगर की कोशिकाओं पर सूजन आ रही है। डॉक्टरों के मुताबिक जिगर में सूजन आना हेपेटाइटिस कहलाता है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. वागीश वैश्य के अनुसार रोजाना ओपीडी में वायरल हेपेटाइटिस के मरीज आ रहे हैं। मरीजों में वायरल हेपेटाइटिस का खतरनाक असर भी दिखाई दे रहा है।
virus ने बदल दिया अपना चक्र
शहर के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. सुदीप सरन बताते हैं कि इस बार वायरस ने अपना चक्र भी बढ़ा दिया है। अमूमन वायरल का प्रभाव जुलाई से शुरू होकर अक्टूबर तक रहता है। इस बार 15 दिन अधिक होने के बाद भी वायरल अपना असर बनाए हैं। पिछले दस साल में ऐसा इस बार देखने को मिल रहा है। करीब पचास फीसद मरीजों में जिगर की सूजन की समस्या सामने आ रही है।
मरीजों में दिख रहे लक्षण
जी मचलाना, उल्टी होना
भूख खत्म हो जाना
बदहजमी की शिकायत
पेट में तेज दर्द
अत्याधिक कमजोरी