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सावधान ! नमकीन की सच्चाई जानकर उड़ जाएंगे होश, बरेली में बिक रही दिल्ली, नोएडा से जानवरों के आहार के नाम पर नीलाम होने वाली नमकीन

शहर के प्रमुख दीपक मिष्ठान भंडार पर फफूंद लगी मिठाई बेची जा रही है तो नमकीन में भी बड़ी मिलावट का खेल चल रहा है। पंजाब दिल्ली-नोएडा और गुजरात की नामचीन नमकीन निर्माता कंपनियों की रिजेक्टेड या एक्सपायरी नमकीन पशुओं के चारे के नाम पर खरीदी जाती है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 08:20 AM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 08:20 AM (IST)
सावधान ! नमकीन की सच्चाई जानकर उड़ जाएंगे होश

बरेली, जेएनएन। : शहर के प्रमुख दीपक मिष्ठान भंडार पर फफूंद लगी मिठाई बेची जा रही है, तो नमकीन में भी बड़ी मिलावट का खेल चल रहा है। पंजाब, दिल्ली-नोएडा और गुजरात की नामचीन नमकीन निर्माता कंपनियों की रिजेक्टेड या एक्सपायरी नमकीन पशुओं के चारे के नाम पर खरीदी जाती है। उसे बरेली और आसपास के शहरों में नई पैकिंग के साथ बेच दिया जाता है। इस खेल में बरेली के सात नमकीन निर्माता शामिल हैं, जो अपने कम प्रचलित ब्रांड के नाम का उपयोग करते हैं। एफएसडीए रिजेक्टेड नमकीन को दोबारा पैक करके बेचने की जानकारी है लेकिन वह कार्रवाई की जगह चुपचाप बैठा है।

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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के दिल्ली-नोएडा, पंजाब और गुजरात में कई नामी-गिरामी कंपनियों की फैक्ट्री हैं। मैन्युफैक्चरिंग के दौरान मशीनों में लगा सेंसर अधोमानक नमकीन को अलग करता रहता है। इसके साथ ही बाजार से एक्सपायरी नमकीन भी लौटकर आती है। कंपनियां बोली लगाकर इस अधोमानक नमकीन को बेचती हैं। इसे खरीदने वाले ब्रोकर बरेली के नमकीन बनाने वालों के संपर्क में हैं। ये नमकीन उनकी फैक्ट्री में पहुंचा दी जाती है। यहां ताजी बनी नमकीन में इसे मिक्स कर दिया जाता है। दोगुना मुनाफा कमाते हैं।

सही नमकीन 80 रुपये, एक्सपायरी 40 में ले रहे ब्रोकर

एक नमकीन निर्माता ने ही बताया कि एक किलो सही नमकीन निर्माता कंपनी को 70-80 रुपये में पड़ती है। थोक कारोबारी तक 90 रुपये में पहुंचती है। थोक कारोबारी 93 रुपये में फुटकर दुकानदार को देता है। जिसमें 20 से 30 रुपये का मुनाफा जोड़कर ग्राहक को बेची जाती है।

एक्सपायरी या रिजेक्टेड नमकीन ब्रोकर 40-45 रुपये में खरीदते हैं। आधी कीमत की ये नमकीन ताजी नमकीन में मिला दी जाती है। मिलावट का काम चार निर्माण इकाइयों पर ही हो जाता है। इन चारों इकाइयों के अपने ब्रांड हैं। कोई भी बड़ा नामचीन नहीं है।

फैक्ट्रियों में खेल जारी : फूड इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारी बताते हैं कि बरेली में छह से सात फैक्ट्रियां चल रही हैं। परसाखेड़ा में दो, नरियावल व पुराने शहर में एक-एक निर्माण इकाई हैं। पंजाब, दिल्ली और गुजरात से रिजेक्टेड माल लाने वाले तीन ब्रोकर सक्रिय हैं। श्यामगंज में दुकानों में ये नमकीन बिकने के लिए पहुंचाई जा रही है। होली के चलते नामचीन कंपनियों में 60 फीसद क्षमता पर उत्पादन हो रहा है। इसलिए पिछले एक हफ्ते में रिजेक्टेड नमकीन की खेप बरेली तक सीमित मात्र में पहुंची है। आरोप है कि एफएसडीए के अधिकारियों को बाजार में खराब नमकीन होने की जानकारी है, लेकिन वह यहां छापेमारी नहीं करते। सही निर्माण करने वालों के यहां छापेमारी कर परेशान करते हैं।

एक्सपायरी नमकीन खाने से स्वास्थ्य को नुकसान

जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. वगीश वैश्य के मुताबिक नमकीन में कई दफा पॉम ऑयल का इस्तेमाल होता है। इससे हार्ट ब्लॉकेज के केस सामने आते है। एक्सपायरी नमकीन पेट के अल्सर पैदा कर सकती है। इसलिए पैकेट पर बैंच नंबर, एक्सपायरी डेट और मैन्युफैक्चरिंग कहां से हुई है, जांचना जरूरी है।

होली से पहले मिलावट को लेकर हमारी टीमें सक्रिय हैं। मिलावटी नमकीन पर भी छापेमारी की जाएगी। व्यापारी भी अपने इनपुट हमसे साझा कर सकते हैं। - धर्मराज मिश्र, अभिहित अधिकारी 


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