पाक उलमा डॉ. मुहम्मद ताहिर उल कादरी के हिंदुस्तान दौरे से पहले विरोध के स्वर
पाकिस्तान के चर्चित आलिम-ए-दीन डॉ. मुहम्मद ताहिर उल कादरी 12 दिन के दौरे पर आठ फरवरी को हिंदुस्तान आ रहे हैं।
जेएनएन, बरेली : पाकिस्तान के चर्चित आलिम-ए-दीन डॉ. मुहम्मद ताहिर उल कादरी 12 दिन के दौरे पर आठ फरवरी को हिंदुस्तान आ रहे हैं। 20 फरवरी तक वह लखनऊ, दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद, कानपुर में होने वाली कांफ्रेंस में हिस्सा लेंगे। अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर भी हाजिरी देंगे। भारत में उनका कार्यक्रम तय होते ही बरेलवी उलमा के विरोध में स्वर फूटने लगे हैं। वजह, मौलाना कादरी के खिलाफ एक फतवा है, जिसे ताजुश्शरिया मुफ्ती अख्तर रजा खां ने जारी किया था। उन्हें इस्लाम से खारिज कर दिया था।
क्या है ताजा विवाद
ताजा विवाद एक वायरल वीडियो से पैदा हुआ है। इस वीडियो में डॉ. ताहिर उल कादरी यह कहते सुने जा रहे हैं कि उन्हें बरेली की दरगाह आला हजरत और देवबंद से बुलावा आया है। इसमें वह दरगाह आला हजरत के प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां और मौलाना तौकीर रजा खां की तारीफ भी कर रहे हैं। उनका यह वीडियो वायरल होते ही बरेलवी मसलक के मानने वालों में चर्चा तेज हो गई कि जिस व्यक्ति पर कुफ्र का फतवा यानी इस्लाम से खारिज करने का फतवा है, उसे कैसे बरेली में दावत दी जा सकती है? उलमा में चर्चा बढ़ने के बाद दरगाह से सफाई का दौर शुरू हो गया है।
कौन हैं ताहिर उल कादरी
ताहिर उल कादरी पाकिस्तान के बड़े मुस्लिम स्कॉलर हैं। वह पंजाब यूनिवर्सिटी में इस्लामिक लॉ के प्रोफेसर रह चुके हैं। दुनिया के करीब 90 देशों में मिनहाजुल कुरान इंटरनेशनल संस्था चला रहे हैं। फेसबुक पर उनके 34 लाख से ज्यादा फालोवर्स हैं। अन्ना हजारे की तर्ज पर उन्होंने पाकिस्तान में पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के शासनकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था। उसे कादरी क्रांति का नाम दिया गया था। लाखों लोग जुटे थे। कादरी को कनाडा की नागरिकता प्राप्त है। उन्होंने भारत दौरे की सूचना भी अपने फेसबुक पेज पर शेयर की है।
सुब्हानी मियां बोले, मैंने नहीं बुलाया
सोशल मीडिया पर दरगाह आला हजरत के प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां से बातचीत का एक ऑडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह साफ कहते सुने जा रहे हैं कि डॉ. ताहिर उल कादरी से मेरी कोई बात नहीं हुई। न ही मैंने बुलावा दिया। इस बारे में जल्द ही मैं बयान जारी करूंगा।
मुकदमा अलग, सब खुश रहें
सुब्हानी मियां उस ऑडियो में यह भी कहते सुने जा रहे हैं कि चंद रोज की जिंदगी है। सब आपस में खुशी से रहें ताकि लोग बाद में याद रखें। इसमें वह मुकदमों का भी जिक्र करते हुए सुलह की बात करते सुने जा रहे हैं। इसे लोग परिवार के अंदरूनी विवाद को सुलझाने की उनकी फिक्र के रूप में देख रहे हैं।
उलमा की जो नाराजगी है वो दूर करें
डॉ. ताहिर-उल-कादरी दहशतगर्दी के खिलाफ विश्व शांति की मुहिम चला रहे हैं। जनवरी की शुरुआत में मेरी उनसे बात हुई थी। मैंने उनसे कहा कि शांति की मुहिम में आपके साथ हूं। आप बरेली भी आएं। उलमा की जो नाराजगी है वो दूर करें। इसके बाद मेरी कोई बात नहीं हुई। शरीयत के खिलाफ कुछ सहन नहीं होगा। उन्होंने कहा भी कि हम उलमा के साथ बैठेंगे। - मौलाना तौकीर रजा खां, नबीरे आला हजरत
सुब्हानी मियां ने जारी किया पत्र
डॉ. ताहिरूल कादरी के बरेली से दावत के बयान पर दरगाह आला हजरत के प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां ने पत्र जारी कर स्थिति साफ की है। इसमें उन्होंने कहा कि डॉ. ताहिरुल कादरी पाकिस्तानी से हमारा दूर तक कोई वास्ता नहीं। हम ऐसे लोगों से न मिलते हैं, न उन्हें बुलाया है। डॉ. ताहिरूल पर जो शरई हुक्म हुआ, हम उस पर कायम हैं। हिंदुस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के किसी भी सुन्नी दारूल इफ्ता से इनको लेकर शरई हुक्म हासिल किए जा सकते हैं।