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अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले अमरनाथ यात्रियों ने बयां किए हालात Bareilly News

दो अगस्त को जम्मू एंड कश्मीर पुलिस के अफसर गाड़ी से आए। उन्होंने सभी लंगर वालों से पूछा कि लंगर चलाना चाहते हैं क्या।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Tue, 06 Aug 2019 01:06 PM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2019 01:06 PM (IST)
अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले अमरनाथ यात्रियों ने बयां किए हालात Bareilly News
अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले अमरनाथ यात्रियों ने बयां किए हालात Bareilly News

बरेली, जेएनएन : घाटी में 31 जुलाई की रात से ही कुछ हलचल बढ़ गई थी। तब तक किसी को अंदाजा नहीं था कि जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार इतना बड़ा ऐतिहासिक फैसला लेने जा रही है। अगले दिन माहौल खराब होने की आशंका होने की चर्चाएं शुरू हुईं। इसके बाद तो जैसे-जैसे दिन चढ़ा, हमें वहां से वापस जाने के लिए कहा जाने लगा। वहां फोर्स ने हमारा भरपूर सहयोग किया। लखनपुर बॉर्डर तक हमें सुरक्षा के बीच छोड़ा गया।

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यह बातें अमरनाथ से भंडारा लेकर सोमवार दोपहर शहर पहुंचे अवधेश शर्मा और सुनील कुमार ने बताई। उन्होंने बताया कि पहली बार एक अगस्त को चार दिन के लिए यात्र रोकने की बात पता चली। कहा गया कि रामवन में पत्थर खिसक रहे हैं। अगले ही दिन जम्मु पुलिस ने हम लोगों से कह दिया कि वापस लौट जाएं। सामान आदि समेट लीजिए।

दो अगस्त को जम्मू एंड कश्मीर पुलिस के अफसर गाड़ी से आए। उन्होंने सभी लंगर वालों से पूछा कि लंगर चलाना चाहते हैं क्या। जवाब में हां बोलने पर कहा कि यात्र पर आतंकी खतरा है इसलिए जल्द से जल्द यहां से निकल जाएं, यही बेहतर रहेगा। हम लोगों के मोबाइल पर घर से फोन भी आने लगे थे। उन्हें टीवी से सूचनाएं मिल रहीं थीं इसलिए फिक्रमंद थे। सुरक्षा को लेकर चिंता जताई, तो उन्हें सुरक्षित होने की बात कहकर ढांढस बंधाया।

अगले दिन तीन अगस्त को पुलिस एक बार फिर हमारे पास आई। कहा कि सुरक्षा हटाई जा रही है। आप लोग यहां से निकलिए। हम सभी तुरंत डीएम से मिलने पहुंचे। उन्होंने भी बिना एनओसी ही वापस जाने को बोला। एक घंटे की मशक्कत के बाद एक ट्रक मिला, तो फटाफट भंडारा समेटना शुरू किया। पूरा दिन निकल गया, लेकिन बीच बीच में घाटी में हालात खराब होने की जानकारी मिलती गई।

सुनील कुमार ने बताया कि सूचना यहां तक मिली कि यात्र के मार्ग पर पर फोर्स को काफी बारुद आदि मिला। यह सब सुनकर डर भी लगा, लेकिन सब कुछ भोलेनाथ पर छोड़ दिया। फिर रात में नौ बजे शहर वापसी का सफर शुरू किया। लखनपुर बॉर्डर तक फोर्स ने कड़ी सुरक्षा में भंडारे के ट्रक को छोड़ा। फिर सोमवार दोपहर शहर पहुंचे। 

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