विकास के लिए रामगंगा व ट्रांसपोर्ट नगर में बीडीए चलाएगा अभियान, नोटिस देकर वसूलेगा जुर्माना
गणतंत्र दिवस के बाद रामगंगानगर आवासीय योजना और ट्रांसपोर्ट नगर योजना को पटरी पर लाने की कवायद बरेली विकास प्राधिकरण करेगा। इस योजनाओं से अवैध कब्जे भी हटाए जाएंगे। साथ ही नोटिस देकर जुर्माना वसूली और कपाउंडिंग भी होगी।
बरेली, जेएनएन। शहर के विकास की कमान किसी भी जिले में नगर निगम और वहां के विकास प्राधिकरण के हाथों में होती है। बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने भी शहर के विकास की कुछ योजनाएं सालों पहले शुरू कीं। हालांकि इन योजनाओं को कई दशक बीतने के बावजूद अभी तक वो मुकाम हासिल नहीं हो सका, जिसकी उम्मीद थी। अब गणतंत्र दिवस के बाद रामगंगानगर आवासीय योजना और ट्रांसपोर्ट नगर योजना को पटरी पर लाने की कवायद बरेली विकास प्राधिकरण करेगा। इस योजनाओं से अवैध कब्जे भी हटाए जाएंगे। साथ ही नोटिस देकर जुर्माना वसूली और कपाउंडिंग भी होगी। जिससे शहर से अवैध निर्माण हटाने के साथ ही बरेली विकास प्राधिकरण की आमदनी भी हो। खासतौर पर इन योजनाओं पर प्राधिकरण का रहेगा ध्यान...।
रामगंगानगर आवासीय योजना
प्राधिकरण का सबसे ज्यादा ध्यान इस समय रामगंगानगर आवासीय योजना को सफल बनाने पर है। वर्ष 2004 में बनी इस योजना में चंद्रपुर बिचपुरी, मोहनपुर उर्फ रामनगर, डोहरिया व अहिरौला गांव की कुल 270 हेक्टेयर जमीन प्रस्तावित थी। वर्ष 2004-05 में इसकी अधिसूचना जारी हो गई थी। इसमें करीब पांच हेक्टेयर जमीन जमीन पर आबादी थी। इसे छोड़कर शेष जमीन पर प्राधिकरण कब्जा हासिल कर चुका है। इस योजना में बीडीए कुल 12 सेक्टर बना रहा है। सेक्टर एक से सेक्टर सात आंशिक रूप से विकसित किये जा चुके हैैं।
वहीं, सेक्टर-9 में अर्फोडेबल डुपलैक्स आवास योजना के तहत कुल 242 भवन बनने हैैं। इनमें से डिमांड के आधार 70 मकान बनाए भी जा चुके हैैं। हालांकि योजना को लेकर प्राधिकरण का क्षेत्रीय गांव चंद्रपुर बिचपुरी में पिछले कुछ दिनों से विवाद भी चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने काश्तकारों से जमीन नोटरी पर खरीदी है। जबकि प्राधिकरण का दावा है कि काश्तकारों ने अधिग्रहण में जमीन देने के बाद मुआवजा भी वसूला है। इसके अलावा कुछ ग्रामीण भी अवार्ड की रकम उठा चुके हैैं।
ट्रांसपोर्ट नगर योजना
देश और प्रदेश की राजधानी के ठीक बीच में स्थित होने की वजह से बरेली का व्यापारिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्व है। ऐसे में ट्रांसपोर्ट नगर की भी जरूरत रही। शाहजहांपुर रोड पर ट्रांसपोर्ट नगर बनाने के लिए करीब हेक्टेयर जमीन भी किसानों से खरीदी गई। वर्ष 19996-97 में शुरू हुई इस योजना में सभी विकास कार्य वर्ष 2001-02 में पूरे हो गए। यहां 1042 ट्रांसपोर्ट भूखंड, 12 दुकानें, 61 मैकेनिक्स भूखंड, 39 क्योस्क भूखंड, 22 कॉमर्शियल भूखंड, आठ पब्लिक यूटीलिटी भूखंड विकसित किये गए। इसके तहत यहां पेट्रोल पंप, होटल, ढाबा, धर्मकांटा, नर्सिंग होम, सर्विस सेंटर, फायर स्टेशन आदि बनाने की कवायद शुरू हुई। कुल 1202 भूखंडों में 1137 का आवंटन हो चुका है। इनमें से 992 भूखंडों का कब्जा भी लिया जा चुका है। योजना में 701 ट्रकों की पार्किंग का प्रस्ताव है।
कागजों पर सुविधाएं
प्राधिकरण के मुताबिक ट्रांसपोर्ट नगर की सभी सड़कें बनी हुई हैैं। लेकिन यहां उड़ती धूल दूसरी ही कहानी बयां करती है। इसके अलावा पीने के पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। प्रकाश व्यवस्था भी काम चलाऊ है। प्राधिकरण के कागजों के मुताबिक योजना में 20 सामुदायिक शौचालय हैैं और सुलभ इंटरनेशनल सभी का संचालन कर रहा है। जबकि हकीकत में देखने पर सुलभ शौचालय की ऐसी व्यवस्था नहीं दिखेगी। सबसे बड़ी बात कि योजना में ट्रांसपोर्टर खुद आने को राजी नहीं है। ट्रांसपोर्टरों का एक बड़ा वर्ग नैनीताल रोड की ओर ट्रासंपोर्ट नगर खोलने की मांग लंबे समय से कर रहा है। यही वजह है कि अधिकांश ट्रांसपोर्टर योजना के तहत आने के लिए राजी नहीं हैैं।
प्राधिकरण की अन्य योजनाएं
दीनदयाल पुरम आवासीय योजना
प्रियदर्शिनी नगर आवासीय योजना
लोहिया विहार आवासीय योजना
टीबरीनाथ आवासीय योजना
एकता नगर आवासीय योजना
हरूनगला रिहायशी योजना
तुलापुर आवासीय योजना
भाऊराव देवरस आवासीय योजना
वाल्मीकि अंबेडकर मलिन बस्ती आवासीय योजना
बिहारमान नगला आवासीय आश्रयहीन योजना
करगैना आवासीय योजना
संजय गांधी कम्यूूनिटी हाल
मथुरापुर आवासीय योजना
इंद्रा पार्क (दुकानें) योजना
प्राधिकरण अपनी योजनाओं को विकसित करने के लिए विशेष अभियान चला रहा है। गणतंत्र दिवस के बाद से विकास की दशा में कई प्रोजेक्ट शुरू होंगे। - राजीव दीक्षित, अधीक्षण अभियंता, बरेली विकास प्राधिकरण