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    लापरवाही की हद: आवारा कुत्तों के उत्पात से लोग परेशान, दो साल से ABC सेंटर नहीं चलवा सका नगर निगम

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 06:30 AM (IST)

    बरेली में आवारा कुत्तों के आतंक से लोग परेशान हैं। नगर निगम ने सीबीगंज में कुत्तों के लिए एक एबीसी सेंटर बनाया है, पर टेंडर प्रक्रिया में देरी के कारण ...और पढ़ें

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    सिविल लाइन साल्वेशन आर्मी रोड पर घूमता आवारा कुत्तों का समूह। जागरण

    जागरण संवाददाता, बरेली। शहर के अधिकतर वार्ड कुत्तों के उत्पात से जूझ रहे हैं। इसके लिए हर वार्ड में कुत्तों को पकड़ने की मांग की जा रही है। नगर निगम ने सीबीगंज में 150 कुत्ते रखने की क्षमता का नया एबीसी सेंटर तैयार कर लिया है, लेकिन संचालन के लिए अब तक निविदा प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। इस कारण कुत्तों को पकड़ने और बधियाकरण कार्य में तेजी नहीं आ पा रही है।

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    नगर निगम की कार्यकारिणी समिति और बोर्ड बैठकों में भी पार्षदों की ओर से लगातार अधिकारियों को घेरा जा रहा है लेकिन जिम्मेदार निविदा प्रक्रिया का हवाला देकर खुद को सुरक्षित जोन में कर रहे हैं। शहरी क्षेत्र में आवारा कुत्तों के बढ़ते हमले को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आदेश जारी कर स्थानीय निकायों को ठोस पहल करने के निर्देश दिए हैं।

    इसको लेकर नगर निगम की ओर से शहर के अलग-अलग स्थानों पर फीडिंग प्वाइंट बनाने पर जोर है। मगर, आवारा आतंक को रोकने के लिए अब तक ठोस कार्ययोजना बनाई जा सकी है। जबकि उत्पाती कुत्तों के नियंत्रण के लिए सीमित संसाधन बड़ी चुनौती बन रही। वर्तमान में नगर निगम की ओर से संचालित एनीमल बर्थ केयर सेंटर में महज 50 कुत्तों को ही रखने की क्षमता है।

    यहां प्रति माह 150 से 200 कुत्तों का ही बधियाकरण हो पा रहा है। जबकि जिला अस्पताल में हर दिन शहर से गांव तक के लोग 400 से अधिक संख्या में एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे।

    एबीसी सेंटर तैयार, टेंडर-टेंडर खेल रहे जिम्मेदार

    उत्पाती कुत्तों के नियंत्रण के लिए नगर निगम की ओर से सीबीगंज में ही 150 कुत्तों की क्षमता का नया एनीमल बर्थ केयर (एबीसी) सेंटर का निर्माण किया गया है। नगर निगम निधि से 1.80 करोड़ से तैयार इस सेंटर के निर्माण के लिए शासन ने एबीसी योजना के तहत धनराशि जारी की थी।

    मगर, जिम्मेदारों की ओर से जनवरी से अब तक निविदा प्रक्रिया पूरी नहीं किया जा सका है। नए एबीसी में 10 आइसोलेशन कैनाल, 15 बड़ा कैनाल बनाया गया है। प्रति कैनाल में 10 कुत्तों की रखने की क्षमता है। आपरेशन थियेटर, एक मेडिकल स्टोर रुम, एक सर्जन रुम, एक प्रीपेशन रुम, टायलेट व अन्य सुविधाएं भी हैं।

    वाहन सवार राहगीरों को दौड़ाकर करते घायल

    आवारा कुत्तों द्वारा बच्चों-बुजुर्गों को काटने के साथ वाहन चालकों को दौड़ाकर गिराने से दुर्घटना हो रही। यह समस्या कमोबेश हर वार्ड में हैं, इसमें सिविल लाइन, आवास विकास, ग्रीन पार्क व इंदिरा नगर जैसे पाश एरिया हों या सीबीगंज बंडिया, मथुरापुर, रहपुरा चौधरी जैसे शहर की सीमा से सटे वार्ड, हर क्षेत्रों में बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं आए दिन आवारा कुत्तों के हमले का शिकार हो रहीं। कई क्षेत्र में तो आवारा कुत्ते तो बाइक और कार सवार को भी दौड़कर दुर्घटनाओं को बढ़ा रहे हैं।

    यह हैं जिम्मेदार

    सीएंडडीएस की ओर से बनाए गए एबीसी सेंटर के संचालन के लिए निर्माण विभाग की ओर से निविदा आमंत्रित की गई है। निविदा प्रक्रिया पूर्ण कराने की जिम्मेदारी एक्सईएन राजीव राठी को दी गई है। उन्होंने कहा कि दो बार आमंत्रित निविदा में एजेंसियों द्वारा प्रतिभाग नहीं किए जाने के चलते तीसरी बार निविदा आमंत्रित की गई है। दावा किया कि इसी माह संचालन के लिए एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा।

     

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