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Road Safety पर बोली बरेली कमिश्नर, अब चालान काटने तक सीमित नहीं रहेगी Police

Bareilly Road Safety News बरेली में रोड सेफ्टी को लेकर अफसर गंभीर होंगे यात्रियों को सुविधा मिलेगी अब पुलिस चालान काटने तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि जागरूक भी करेगी यह कहना बरेली कमिश्नर संयुक्ता समद्दार का।

By Jagran NewsEdited By: Ravi MishraPublished: Wed, 30 Nov 2022 05:55 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 05:55 PM (IST)
Road Safety पर बोली बरेली कमिश्नर, अब चालान काटने तक सीमित नहीं रहेगी Police
Road Safety पर बोली बरेली की कमिश्नर, अब चालान काटने तक सीमित नहीं रहेगी Police

बरेली, जागरण संवाददाता। Road Safety: यात्रियों को सुहाना सफर उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर सड़कें बनाई जा रही हैं। हाईवे (Highway) के साथ ही एक्सप्रेस वे (Express Way) बन रहे हैं लेकिन यात्रियों की सुरक्षा के नाम पर हाथ खींच लिए जाते हैं।

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रोड टैक्स (Road Tax) तो लिया जा रहा लेकिन उन्हें सुविधाएं नहीं मिल रहीं। इनकी मानीटरिंग भी सही से नहीं हो पा रही हैं। यही कारण हैं कि सड़कों पर आज भी हादसे हो रहे हैं। जान-माल की हानि हो रही है। बीते दिनों जागरण की टीम ने मंडल के चारों जिलों (बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर) में करीब 1250 किलोमीटर सड़कों का सर्वे किया।

एक्सपर्ट के साथ सड़कों का हाल देखा तो उस पर तमाम कमियां सामने आईं। रोड की फिटनेस ही चेक नहीं थी। कई ब्लैक स्पाट, अवैध कट मिले। बिजली की व्यवस्था, साइनेज, संकेतक, आपात चिकित्सा, पानी व रेस्ट एरिया आदि की उपलब्धता नहीं पाई गई। इन सभी बिंदुओं को लेकर मंडलायुक्त संयुक्ता समद्दार से बातचीत की गई, पेश हैं मुख्य अंश।

प्रश्न : सभी जिलों में सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें नियमित क्यों नहीं हो पा रही हैं। इनमें लिए जाने वाले निर्णयों पर कितना अमल हो रहा है।

उत्तर : सड़क सुरक्षा समिति जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनाई गई हैं। इसकी नियमित बैठक होना जरूरी है। इसके लिए सभी अधिकारियों को प्रतिबद्ध होना पड़ेगा। इतना ही नहीं इन बैठकों में लिए जाने वाले निर्णयों पर सौ प्रतिशत अमल भी करना पड़ेगा। इसकी मानीटरिंग भी की जाएगी।

प्रश्न : मंडल भर की सड़कों पर करीब सवा सौ ब्लैक स्पाट हैं। करीब तीन सौ अवैध कट। इन्हें दुरुस्त कराने के लिए क्या किया गया है।

उत्तर : सड़कों के ब्लैक स्पाट को ठीक कराने के लिए वहां साइनेज, संकेतक, रोशनी, स्पीड ब्रेकर समेत अन्य इंतजाम कराए जाते हैं। इसकी भी जिला स्तर पर समिति समीक्षा करती है। डिवाइडर के किसी कट पर यदि अधिक हादसे होते हैं तो उन्हें बंद करा दिया जाता है।

प्रश्न : सड़कों पर बेतहाशा गड्ढे हैं, शहरों में ट्रैफिक सिग्नल भी ठीक से काम नहीं कर रहे। मैनपावर भी कम बताई जाती है। इसके लिए क्या करेंगी।

उत्तर : गड्ढों को भरने का काम अंतिम चरण में हैं। बरेली में अब सेंसर युक्त ट्रैफिक सिग्नल लगाए जा रहे हैं। अन्य जगह इन्हें चेक कराया जाएगा। उपलब्ध मैनपावर में ही सारे काम कराने का प्रयास करते हैं।

प्रश्न : पुलिस सिर्फ चालान काटने तक ही सीमित क्यों है। यात्रियों को सुरक्षा क्यों नहीं उपलब्ध कराती।

उत्तर : पुलिस अगर चालान काटती है तो जागरूकता अभियान भी चलाती है। यह प्रक्रिया हर साल की है। ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने वालों का चालान काटा जाता है।

प्रश्न : मंडल में कही भी सरकारी मोटर ड्राइविंग स्कूल नहीं है। बिना किसी टेस्ट पास किए ही लोग वाहन दौड़ा रहे हैं।

उत्तर : यह बड़ी बात है कि सरकारी ड्राइविंग स्कूल नहीं होने के बाद भी तमाम लोग चालक हैं। हालांकि प्राइवेट ड्राइविंग स्कूल कई चल रहे हैं। फिर भी सरकारी ड्राइविंग स्कूल के लिए प्रयास किए जाएंगे।


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