Crime Control : बरेली पुलिस ने गुडवर्क को आधार बनाकर अपनाया ये तरीके, पढिए ये रिपोर्ट Bareilly News
बरेली पुलिस की दिक्कत थी कि अपराध लगातार बढ़ रहे बावजूद इसके क्राइम कंट्रोल दिखाना था। ऐसे में पुलिस ने चोर रास्ता अपना लिया।
जेएनएन, बरेली : शासन से क्राइम कंट्रोल के आदेश कुछ समय पहले सूबे भर में पुलिस को मिले। बरेली पुलिस की दिक्कत थी कि अपराध लगातार बढ़ रहे, बावजूद इसके क्राइम कंट्रोल दिखाना था। ऐसे में पुलिस ने चोर रास्ता अपना लिया। पहले चोरी और अब तो लूट के मामलों में भी रिपोर्ट दर्ज किया जाना बंद कर दिया गया है। लेकिन अगर लूट के आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़ जाते हैं तो आनन-फानन मुकदमा दर्ज कर गुडवर्क दिखाने में पुलिस नहीं चूकती।
लूट जैसे गंभीर अपराध को दर्ज न किया जाना जिले की पुलिसिंग पर सवाल खड़े करता है। छोटे-छोटे मामलों का राजफाश कर पीठ थपथपाने वाली पुलिस आखिर लूट के मामलों को दर्ज करने से क्यों बच रही है? लूट के मामले पहुंचते ही उन्हें या तो झुठला दिया जाता है या फरियादी और पीड़ित को टरका देते हैं। ऐसे में पीड़ित या शांत होकर बैठ जाते हैं या फिर उच्चाधिकारियों की चौखट पर पहुंचते हैं।
हाल में शीशगढ़ में सगे भाइयों से हुई लूट हो या नवाबगंज में कोरियर कंपनी संचालक व बिथरी में बेकरी मालिक से हुई लूट, किसी में मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। शीशगढ़ के मामले में तो पुलिस एक आरोपित को हिरासत में लिए हुए और पीड़ित पर समझौते का दवाब बना रही है।
इधर, जो दर्ज वो खुले नहीं : बीते माह सीबीगंज क्षेत्र में कानपुर की एक फैक्ट्री के चार कर्मियों के साथ लूट हुई थी। इसके अलावा हाल ही में विपणन निरीक्षक के घर के बाहर ठेकेदार से लूट हुई। इन दोनों ही मामलों का अब तक राजफाश नहीं हो सका है। इसके अलावा लगातार बढ़ रही लूट और डकैती की घटनाएं पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई हैं।
तीन जनवरी
नवाबगंज में स्थित कोरियर कंपनी से वापस लौट रहे संचालक को बदमाशों ने लूट लिया था। इस मामले में पुलिस जांच पड़ताल की तो कई साक्ष्य भी मिले थे, लेकिन मुकदमा अब तक दर्ज नहीं किया गया।
12 जनवरी
बिथरी में बेकरी मालिक दुकान बंद कर घर जा रहा था। रास्ते में बदमाश उससे तमंचे के बल पर 60 हजार रुपये व बाइक लूट ले गए थे। बाद में बाइक कुछ दूरी पर मिल गई थी। इसमें भी रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी है।
24 जनवरी
शीशगढ़ में गन्ना बेचकर लौट रहे दो भाइयों से बदमाशों नें 29 हजार रुपये व मोबाइल लूटे थे। इसमें एक बदमाश को पहचान लिया गया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया, बल्कि मामले में समझौता कराने में जुट गई।
कोई भी मामला संज्ञान में आने के बाद पहले मुकदमा दर्ज करने के आदेश सभी थानाध्यक्षों को है। अगर कहीं थाना पुलिस लूट का मामला दर्ज नहीं कर रही तो ऐसे मामलों की जांच कराई जाएगी। पुलिस का प्रयास सभी मामलों का जल्द और सही निस्तारण करना है।- डॉ. संसार सिंह, एसपी देहात