Bareilly Panchayat Chunav Result : बरेली में पढ़े लिखे युवाओं के हाथ ‘गांव की सरकार’, जानिये कहां बना होटल मैनेजमेंट की डिग्री वाला प्रधान
Bareilly Panchayat Chunav Result गांव की सूरत सुधरने से तरक्की के रास्ते खुलते है। ये आसान भी होगा क्योंकि कई गांव की सत्ता अब पढ़े लिखे युवाओं के हाथ होगी। नतीजों के साथ एक तस्वीर ऐसे युवाओं ने भी खींच दी जिसमें विकास की उम्मीद प्रबल हो गई है।
बरेली, जेएनएन। Bareilly Panchayat Chunav Result : गांव की सूरत सुधरने से तरक्की के रास्ते खुलते है। ये आसान भी होगा, क्योंकि कई गांव की सत्ता अब पढ़े लिखे युवाओं के हाथ होगी। नतीजों के साथ एक तस्वीर ऐसे युवाओं ने भी खींच दी, जिसमें बरेली के गांव के लिए विकास के नए रास्ते खुलने की उम्मीद प्रबल हो गई है।
नेशनल शूटर अब करेंगी गांव में विकास
पेशे से बिल्डर रहे स्व. युवराज की पत्नी शिवी चौधरी ब्लॉक शेरगढ़ के गांव रोहिली से ग्राम प्रधान का चुनाव जीती हैं। उन्होंने होटल मैनेजमेंट और एमबीए किया है। स्कूल के दिनों में उन्होंने नेशनल लेवल की शूटिंग खेल चुकी है। उन्होंने बताया 2007 में वह शेरगढ़ में ब्लॉक प्रमुख भी रही है। सड़क हादसे में पति युवराज सिंह की मौत होने के बाद वह अपने गांव के विकास के लिए प्रधान के चुनाव में खड़ी हुई और 77 मतों से जीत दर्ज की। उन्होंने कहा कि गांव के लोगों की जरूरतों को समझते हुए विकास के कार्य किए जाने हैं।
मां की इच्छा थी, इसलिए गांव वापस आया
नवाबगंज के सबसे बड़े गांव ईध जागीर में युवा प्रत्याशी प्रेमशंकर गंगवार उर्फ लल्ला ने अपने प्रतिद्वंद्वी अली राजा को 652 मतों से परास्त किया। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने कहा कि मां की इच्छा थी कि गांव वापस आकर लोगों की मदद करुं। इसलिए नोएड की निजी कंपनी से नौकरी छोड़ी। गांव के लोगों ने मुझे चुनाव लड़ाया। अब उनके लिए काम करने हैं। प्रेमशंकर ने देहरादून के इंस्टीट्यूट से एमबीए किया है। उन्हें प्रधानी के पद के लिए कुल 1511 वोट मिले।
बीएसई कर रहे, अब बन गए प्रधान
प्रवीण कुमार। उम्र साढ़े 21 साल। सिर्फ 24 मतों के अंतर से उन्होंने नवाबगंज के गांव बिथरी से प्रधानी का चुनाव जीत लिया। बीएससी के अंतिम वर्ष की पढ़ाई करते हुए वह चुनाव में खड़े हुए। चुनाव कैसे लड़े, इसके जवाब में हंसते हुए बोले कि इससे पहले मेरी मां नत्थो देवी और फिर पिता द्वारिका प्रसाद प्रधान रहे। उन्हें गांव में काम करते हुए देखा। इसलिए प्रेरणा तो घर से ही मिली। फिर गांव के लोग ही साथ खड़े हुए और मुझे चुनाव में खड़ा करवा दिया। अब उन्हीं लोगाें के लिए मुझे काम करना है।
एलएलबी की, अब प्रधानी भी मजबूती से करेंगे
फतेहगंज पूर्वी की पंचायत निबड़िया भगवानपुर कुंदन से 29 वर्षीय पुष्पेंद्र पाल ने अपने विरोधी यादराम को 162 वोटों से हराया। पुष्पेंद्र पाल पहली बार मैदान में उतरे और जीत दर्ज की। वह एमकॉम और एलएलबी पोस्टग्रेजुएट है। पुष्पेंद्र के चाचा राजकुमार पाल सन 2000 में, इनकी चाची कुसुमलता 2005 में भगवानपुर कुंदन से प्रधान रह चुकी है पुष्पेंद्र पाल का कहना है कि पहली बार मुझे जनता ने चुना है। मैं जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा। ग्राम पंचायत को एक युवा शिक्षित व प्रधान की जरूरत थी। मुझे चुना गया है, अब जनता को निराश नहीं होने दूंगा।