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Bareilly News: अग्निवीर भर्ती परीक्षा के मेडिकल में फंसे छात्र, एक दूसरे के स्थान पर करा रहे थे Medical

Agniveer Recruitment अग्निवीर भर्ती में सेना को चकमा देने वाले दो छात्राें को दबाेच लिया गया। वह मेडिकल में एक दूसरे के स्थान पर परीक्षण करा रहे थे लेकिन वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके।

By Jagran NewsEdited By: Ravi MishraPublished: Wed, 05 Oct 2022 06:13 AM (IST)Updated: Wed, 05 Oct 2022 06:13 AM (IST)
Bareilly News: अग्निवीर भर्ती परीक्षा के मेडिकल में फंसे छात्र, एक दूसरे के स्थान पर करा रहे थे Medical
Bareilly News: अग्निवीर भर्ती परीक्षा के मेडिकल में फंसे छात्र, एक दूसरे के स्थान पर करा रहे थे Medical

बरेली, जागरण संवाददाता। Agniveer Recruitment : बरेली में सेना भर्ती (Army Recruitment) को पहुंचे दो अभ्यर्थी मेडिकल (Medical) के दौरान फर्जीवाड़े में फंस गए। दोनों एक-दूसरे के स्थान पर मेडिकल को पहुंचे थे। आरोपित लोकेश हरियाणा के पलवल स्थित वार्ड नंबर-2 मोहल्ला कैलाश नगर व हनुमान चौधरी राजस्थान के जोधपुर स्थित पुतरपुरा का रहने वाला है। दोनों के विरुद्ध धोखाधड़ी की धारा में प्राथमिकी लिखी गई, बाद में थाने से जमानत दे दी गई।

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मिलिट्री हास्पिटल में तैनात सूबेदार श्रीणु की ओर से मामले में प्राथमिकी लिखाई गई। बताया गया कि एमएच बरेली में रिक्रूटमेंट चिकित्सा परीक्षण चल रहा था। अभ्यर्थियों के आने के बाद सभी का बायोमेट्रिक सत्यापन नियमित रूप से किया गया। दिव्यांगता के आधार पर विभिन्न वर्गों में अभ्यर्थियों को वितरित किया गया।

किसी भी उम्मीदवार को मेडिकल पूरा होने से पहले रिक्रूटमेंट सेल से बाहर जाने की अनुमति नहीं है। दोपहर करीब 12 बजे नेत्र विज्ञान की समीक्षा की जा रही थी। लेफ्टिनेंट कर्नल बीरेश राज को एक उम्मीदवार पर संदेह हुआ। उन्होंने शारीरिक रूप से पहचान चिन्हों और दिव्यांगता की जांच की। वह समीक्षा प्रमाण पत्र के अनुसार में नहीं थे।

नेत्र रोग विशेषज्ञ ने तुरंत ओआइसी रिक्रूटमेंट सेल को बुलाया।ओआइसी रिक्रूटमेंट सेल फिर से संदिग्ध व्यक्ति को बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए रिक्रूटमेंट सेल में ले गया। सैन्य पुलिस ने पूछताछ की तो अभ्यर्थी ने अपना मूल इंडेक्स नंबर बताया, जिसे बायोमेट्रिक द्वारा आगे सत्यापन करने पर उम्मीदवार का सत्यापन किया गया।

पता चला कि आरोपित लोकेश व हनुमान चौधरी नेत्र विज्ञान में दिव्यांग हैं। दोनों योजनाबद्ध तरीके से एक-दूसरे के स्थान पर मेडिकल को पहुंचे ताकि वह अपनी-अपनी अक्षमताओं को दूर कर सकें, जिसे लेफ्टिनेंट कर्नल बिरेश राज की सतर्कता से पकड़ा गया था। इंस्पेक्टर कैंट बलवीर सिंह ने बताया कि शिकायती पत्र के आधार पर दोनों के विरुद्ध प्राथमिकी लिख ली गई है। सात साल से कम सजा की दशा में दोनों को थाने से जमानत दे दी गई है। 


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