Bareilly News: तस्करों से पुलिस की साठगांठ, चौकी इंचार्ज समेत दो सिपाही निलंबित
200 ग्राम स्मैक को सिर्फ 25 ग्राम दर्शाकर तस्करों की जल्द जमानत का रास्ता बनाने वाले चौकी इंचार्ज व दो सिपाही निलंबित कर दिए गए। 15 मार्च को पकड़े गए दोनों तस्करों से 200 ग्राम स्मैक मिली थी।
जागरण संवाददाता, बरेली : 200 ग्राम स्मैक को सिर्फ 25 ग्राम दर्शाकर तस्करों की जल्द जमानत का रास्ता बनाने वाले चौकी इंचार्ज व दो सिपाही निलंबित कर दिए गए। तीनों पुलिसकर्मी मोटी रकम लेकर आरोपितों को छोड़ना चाहते थे। एसएसपी को इसकी भनक लगने पर मजबूरन आरोपितों को जेल भेजा, मगर केस हल्का कर दिया। जांच में इसकी पुष्टि होने पर मंगलवार को कार्रवाई कर दी गई।
इज्जतनगर थाने में तैनात सिपाही राहुल कुमार, बारादरी में तैनात दीपक कुमार को 15 मार्च को सूचना मिली कि बिथरी चैनपुर निवासी नदीम व सोहेल स्मैक लेकर निकले हैं। सादे कपड़ों में पहुंचे सिपाहियों ने दोनों को पकड़ा और बिथरी चैनपुर की ट्रांसपोर्टनगर पुलिस चौकी ले गए। वहां चौकी इंचार्ज राजेंद्र सिंह को प्रकरण बताया, जिसके बाद तस्करों से सौदेबाजी होने लगी।
एसएसपी तक पहुंची सूचना
इसकी सूचना एसएसपी प्रभाकर चौधरी तक पहुंच गई। तीनों पुलिसकर्मियों को इसकी भनक लगी तो अगले दिन दोनों को जेल भेजा, मगर इससे पहले आरोपितों को राहत देने का रास्ता बना दिया। 200 ग्राम के स्थान पर 25 ग्राम की बरामदगी दिखाकर बाकी स्मैक अपने पास रख ली। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, एनडीपीएस में मादक पदार्थों की बरामदगी पर मात्रा के आधार पर ही केस तय होता है।
सिपाही दीपक कुमार व राहुल फतेहगंज पश्चिमी, मीरगंज के स्मैक तस्करों के हाथों में खेल रहे थे। इन दोनों कस्बों के कुछ गिरोह दूसरे क्षेत्र में तस्करों को पनपने नहीं देना चाहते थे। वे सिपाहियों को सूचना करते कि इज्जतनगर, बारादरी, बिथरी चैनपुर क्षेत्र में कौन-कहां स्मैक लेकर जा रहा।
इसलिए कम दर्शायी जाती स्मैक
15 मार्च को पकड़े गए दोनों तस्करों से 200 ग्राम स्मैक मिली थी। अगले दिन चौकी इंचार्ज ने सिर्फ 25 ग्राम की बरामदगी दर्शाकर जेल भेज दिया। एक अधिकारी के अनुसार, 20-25 ग्राम स्मैक मिलने पर प्रकरण की सुनवाई लोअर कोर्ट में होती है। ऐसे मामलों में नशे करने का तर्क देकर जल्द जमानत की अपील कर दी जाती।
इससे अधिक बरामदगी पर सेशन व इससे ऊपरी कोर्ट में सुनवाई होती। 260 ग्राम या इससे अधिक बरामदगी को व्यावसायिक मानते हुए हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई जाती है। पुलिसकर्मियों को नदीम व सोहेल को बचाने के लिए यही रास्ता चुना।