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Bareilly News: ज्ञानवापी मामले में बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन का बड़ा बयान, बोले- चुप नहीं बैठेगा मुसलमान

Bareilly Maulana Statement of Gyanvapi Masjid Case ज्ञानवापी मस्जिद मामले में बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन ने बड़ा बयान जारी कर दिया है। उन्होंने तल्ख तेवरो में कहा है कि अयोध्या जैसी पुनरावृत्ति न समझें। मुसलमान चुप नहीं बैठेगा।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 14 May 2022 08:57 AM (IST)Updated: Sat, 14 May 2022 08:57 AM (IST)
Bareilly News: ज्ञानवापी मामले में बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन का बड़ा बयान, बोले- चुप नहीं बैठेगा मुसलमान
Bareilly News: ज्ञानवापी मामले में बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन का बड़ा बयान, बोले- चुप नहीं बैठेगा मुसलमान

बरेली, जेएनएन। Bareilly Maulana Statement of Gyanvapi Masjid Case: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर प्रकरण पर दरगाह आला हजरत के उलमा का तल्ख बयान आया है। शुक्रवार को मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि अयोध्या जैसी पुनरावृत्ति न समझें। इस प्रकरण पर मुसलमान चुप नहीं बैठेगा। इसे खोने नहीं देंगे, जरूरत पड़ी तो देश भर में आंदोलन करेंगे। दरगाह आला हजरत से जुड़े आल इंडिया तंजीम उलमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन ने इस संबंध में वीडियो जारी किया।

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जिसमें कहा कि वाराणसी में ज्ञानवापी प्रकरण को बेवजह तूल दिया जा रहा है, वहां मस्जिद है।अयोध्या में ढांचे को बाबरी मस्जिद बताकर कहा कि हम उसे खो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुसलमान चुप हो गए मगर, अब ऐसा नहीं होगा। यदि ज्ञानवापी परिसर में हमारे स्थल पर हमला हुआ, वहां अयोध्या जैसी पुनरावृत्ति हुई तो आंदोलन होगा।

माैलाना ने दिए तर्क, वक्फ नामा का दिया हवाला

मौलाना ने कहा कि वाराणसी में ऐतिहासिक ज्ञानवापी मस्जिद मुगल बादशाह औरंगजेब आलमगीर ने बनवाई थी, ये सरासर झूठ है। वर्ष 1669 के वक्फ नामा का हवाला दिया जा रहा है मगर, अध्ययन से कहीं यह बात साबित नहीं होती कि मंदिर को तोड़ा गया है। केंद्र सरकार ने वर्ष 1991 में धर्म स्थलों से जुड़े विवादों में यथास्थिति बनाए रखने के लिए कानून संसद में पास किया था। उसमें अयोध्या मुद्दे को बाहर रखा गया था।

माैलाना बाेले- गलत है ताजमहल का मुद्दा उठाना

कानून में स्पष्ट तौर पर यह कहा गया है कि वर्ष 1947 से पहले जो धर्मस्थल जिस स्थिति में था, उसी स्थिति में रहेगा। बोले, कुछ फिरकापरस्त ताकतें भारत की गंगा-जमुनी तहजीब और इत्तेहाद को तोड़ने का काम कर रही हैं। ज्ञानवापी प्रकरण को अयोध्या की तरह राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है।" उन्होंने ताजमहल के बारे में कहा कि सभी जानते हैं कि इसे शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल के प्रेम में बनवाया था। ऐसे में ताजमहल का मुद्दा उठाना गलत है।


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