Bareilly News : ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग निकलने पर नाथनगरी में मना जश्न, संतुष्ट नहीं बरेलवी माैलाना, बाेले- करेंगे चैलेंज
Gyanvapi Masjid Case ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग निकलने के बाद जहां नाथनगरी में जश्न मनाया गया। वहीं बरेली के माैलाना शहाबुद्दीन रजवी ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट से असंतुष्ट दिखे। उन्होंने मामले में हाईकोर्ट जाने की बात कही है।
बरेली, जेएनएन। Gyanvapi Masjid Case : वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग निकलने की खुशी में बरेली के डीडीपुरम में नवदुर्गा मंदिर कमेटी के सदस्यों ने ढोल, नगाड़ों की थाप पर झूम कर जश्न मनाया। साथ ही पुष्पवर्षा कर एक-दूजे को बधाइयां दीं। भोलेनाथ के जयकारों से नाथनगरी शिवमय हो गई। इस दौरान लोगों ने इस दिन को यादगार बनाने के साथ ही सभी सनातनियों का हौसला बढ़ाने का प्रयास किया। इस मौके पर परम केशवानी, रजनीश शर्मा, पवन अरोरा, नीरज मलिक, राजीव सिंह, संजीव कोहली, दुर्गेश खटवानी, बाबी गांधी, अमित बंसल आदि रहे।
बोले पुजारी
सत्य परेशान जरूर हो सकता है लेकिन पराजित कभी नहीं हो सकता है। काशी में ज्ञान व्यापी में शिवलिंग का मिलना देश में सनातन धर्म की प्राचीनता को दर्शाता है।- घनश्याम जोशी, पुजारी
ज्ञान वापी से शिवलिंग निकलना अपने आप में ही चमत्कार है। सत्य को कितना भी छुपाया जाए लेकिन वो कभी छुपता नहीं है। सत्य ही परमात्मा का स्वरुप है। समय आने पर परमात्मा प्रकट हो ही जाते हैं। - आचार्य मुकेश मिश्रा, पुजारी
काशी स्थित ज्ञान वापाी में वो भी सोमवार के दिन भोलेनाथ का प्रकट होना अद्भुत संयोग हैं। धीरे-धीरे सच सामने आ रहा है। इसे कुछ और नहीं बल्कि सनातन धर्म की विजय ही कहा जाएगा। - पंडित विनीत शास्त्री, पुजारी
कई वर्षों के बाद आखिर नंदी जी का इंतजार भी खत्म हो गया। ज्ञान वापी परिसर में जिस जगह शिवलिंग निकला है वे नंदी की प्रतिमा के बिल्कुल सामने है। इससे सनातनियों में काफी खुशी है।- पंडित राहुल शास्त्री, पुजारी
सर्वे से संतुष्ट नहीं बरेली के उलमा
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट से यहां बरेलवी उलमा संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने आदेश को हाईकोर्ट में चैलेंज करने की बात कही है। दरगाह आला हजरत से जुड़े आल इंडिया तंजीम उलमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का मानना है कि जिस वस्तु को शिवलिंग बताया जा रहा है वह असल में हौज के अंदर बना टूटा हुआ फव्वारा है। उन्होंने बताया कि पुरानी मस्जिदों में पानी का हौज बनाने की परंपरा रही है।
आज भी जहां पुरानी मस्जिद है, सभी में पानी का हौज बने हुए हैं। इस हौज पर एक फव्वारा भी लगाया जाता था। फव्वारा का सारा पानी हौज के अंदर आता है। वहां भी पुराना फव्वारा रहा है जो टूट गया था। उसी को शिवलिंग दर्शाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने जो भी फैसला दिया है, उससे मुस्लिम संप्रदाय संतुष्ट नहीं है। इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट की शरण ली जाएगी।