Bareilly News: आधी रात बदायूं जिला अस्पताल में नही मिला सिटी मजिस्ट्रेट की बेटी को इलाज, सोते मिले डॉक्टर व नर्स
Badaun District Hospital News बरेली मंडल के सरकारी अस्पताल की स्थिति उस वक्त सिटी मजिस्ट्रेट के सामने आई। जब उनकी बेटी को सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं मिला।जिसके बाद उन्हें बेटी का इलाज नर्सिंग होम में कराना पड़ा।
बरेली, जेएनएन। Badaun District Hospital News : योगी सरकार सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकीय व्यवस्था चाक-चौबंद रखने की बात कर रही है, लेकिन यहां जिला अस्पताल में आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। रात काे अस्पताल की व्यवस्था की पोल उस समय खुल गई, जब नगर मजिस्ट्रेट खुद अपनी बेटी का इलाज कराने पहुंचे। करीब डेढ़ घंटे तक उनकी बेटी तड़पती रही, लेकिन संसाधनों की कमी सामने आई। स्टाफ सोता मिला, काफी देर तक मशक्कत करने के बाद आखिरकार उन्होंने नर्सिंगहोम में ले जाकर अपनी बेटी का उपचार कराया। इस पर उन्होंने सीएमएस को पत्र लिखकर डीएम को भी अवगत कराया है।
सिटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार मंगलवार रात करीब तीन बजे बेटी की तबीयत खराब होने पर लेकर जिला पुरुष अस्पताल पहुंचे थे। इमरजेंसी साढ़े चार बजे तक नेबुलाइजर नहीं मिला। यहां तक की एक टैबलेट तक नहीं मिल सकी। इस दौरान उन्होंने सीएमओ को फोन किया, सीएमओ ने प्रभारी सीएमएस डा. कप्तान सिंह को भेजने को कहा, लेकिन कोई नहीं पहुंचा तो उन्होंने अपनी बेटी को शहर के पुलिस लाइन चौराहा स्थिति निजी अस्पताल में इलाज कराया है।
सिटी मजिस्ट्रेट ने पूरा मामला डीएम को बताया है और कार्रवाई का आग्रह किया है। सीएमएस को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि रात में चिकित्सा सेवाएं भगवान भरोसे रहती है, जिला अस्पताल का स्टाफ भी सोता रहता है। सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है कि यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी एक बार उनके साथ हादसा हुआ था तो इरमजेंसी में वह आए थे। उनके गनर और उनके लिए सीटी स्कैन की सेवा तक नहीं मिल पाई थी। इस बार बेटी को इलाज नहीं मिला है।
अर्द्धनग्न स्टाफ, बोले क्यों खोलें लाइट
सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है कि रात को वह तीन बजे करीब उपचार कराने बेटी का जिला अस्पताल पहुंचे तो इमरजेंसी में लाइट बंद थी और स्टाफ सो रहा था। काफी देर बाद उठाया तो स्टाफ अर्द्धनग्न मिला और लाइट खोलने को कहा तो स्टाफ ने कह दिया कि तुम कौन हो, हम लाइट क्यों खोलें। उनको फटकारने के बाद लाइट खोली गई।
जिला अस्पताल की इमरजेंसी सेवा बिल्कुल ठप है रात को बेटी को इलाज कराने ले गया तो नेबूलाइजर तक नहीं मिला, डेढ़ घंटे खड़ा रहा एक टेबलेट तक नहीं मिली। स्टाफ भी अर्द्धनग्न स्थिति में था, सिस्टम को चौपट कर रखा है इसलिए हमने सीएमएस को पत्र लिखा है। डीएम को पूरा मामला बताया है। अमित कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट
सिटी मजिस्ट्रेट अपने बेटी को यहां इलाज कराने नहीं केवल नेबूलाइजर लगवाने आए थे, वह बेवजह तूल दे रहे हैं उन्होंने सीएमओ को फोन किया हमको फोन क्यों नहीं किया। वह प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराते हैं और हमसे पत्राचार करते हैं हम भी पत्र के माध्यम से जबाव देंगे। रात को आकर हमारे स्टाफ को बेवजह परेशान किया जा रहा है, यहां हमारे हिसाब से व्यवस्था चलेंगी, मजिस्ट्रेटी नहीं चलेगी। डा. विजय बहादुर राम, सीएमएस जिला अस्पताल