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बरेली नगर निगम को अपने ही कर्मचारियों की चिंता नहीं, बिना पीपीई किट के मेडिकल वेस्ट उठा रहे कर्मचारी

बढ़ते कोरोना के बीच नगर निगम के कर्मचारी बिना पीपीई किट के मेडिकल वेस्ट उठाने को मजबूर है। नगर निगम की ओर से किसी भी प्रकार के सुरक्षा इंतजामात नहीं किये गये हैं। बता दें कि कोरोना संक्रमण से शहर के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 04:54 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 04:54 PM (IST)
हॉटस्पॉट नहीं बनने से संक्रमित क्षेत्रों का पता भी नहीं चल रहा।

बरेली, जेएनएन। बढ़ते कोरोना के बीच नगर निगम के कर्मचारी बिना पीपीई किट के मेडिकल वेस्ट उठाने को मजबूर है। नगर निगम की ओर से किसी भी प्रकार के सुरक्षा इंतजामात नहीं किये गये हैं। बता दें कि कोरोना संक्रमण से शहर के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। कौन सी कॉलोनी या बस्ती संक्रमित हैं। इसका भी कोई अता-पता नहीं है। ऐसे में नगर निगम के सफाईकर्मचारी कब संक्रमित हो जाएं कहा नहीं जा सकता है।

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क्योंकि हर गली मोहल्ले में उनको सफाई के लिए जाना पड़ रहा है। अप्रैल के प्रथम सप्ताह से जिस तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है। उसके हिसाब से सफाई कर्मियों के लिए किसी भी प्रकार के सुरक्षा इंतजाम नहीं है। सफाईकर्मियों के मुताबिक नगर निगम की ओर से मास्क और सेनिटाजेशन तक नहीं दिए गये है। पहले हॉटस्पॉट एरिया चिन्हित थे। जिससे पता चलता था कि यहां सतर्कता बरतनी है। लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है। हालांकि सफाईकर्मी अपना ध्यान रख रहे हैं। लेकिन नगर निगम की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं है।

स्वास्थ्य विभाग का काम कर रहे हैं सफाई कर्मी

सफाई कर्मियों का कहना है कि सफाई के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग का काम भी कर रहे हैं। अगर कहीं संक्रमित मिलते हैं। तो वहां मेडीकल टीम की जगह सफाई कर्मियों को भेजकर सेनिटाइज करवाया जाता है। बिना किसी पीपीई किट के। कर्मचारी अपने स्तर पर मास्क से लेकर अन्य व्यवस्थाएं कर रहे हैं। मेडीकल वेस्ट उठाने के लिए अलग टीम गठित की जाती हैं। लेकिन यहां किसी प्रकार की टीम गठित नहीं है।

1800 से अधिक कर्मचारी जान पर खेल कर रहे हैं ड्यूटी

उप्र सफाई मजदूर संगठन के महानगर अध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि पूरे शहर में 1800 से अधिक कर्मचारी ड्यूटी कर रहे हैं। संविदा कर्मियों से कोविड क्षेत्रों में सेनिटाइजेशन कराया जा रहा है। लेकिन सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो उप्र सफाइ मजदूर संगठन अपनी मांगों को नगर निगम अधिकारियों के समक्ष रखेगा। अपनी सुरक्षा हेतु मांग की जाएगी। 


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