बरेली आइवीआरआई ने आठ रिसर्च में सरकार के खर्च किए तीन करोड़, हिसार में नहीं मिला रिकार्ड, मची हलचल
IVRI Stem Cell Research भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) इज्जतनगर में दस सालों में करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च कर आठ शोधों में स्टेम सैल पर काम दिखाया गया। इन शोधों के बाद एक वेटरिनरी टाइप कल्चर कलेक्शन (वीटीसीसी) एक्सेशन नंबर मिलता है
बरेली, जेएनएन। IVRI Stem Cell Research : भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ), इज्जतनगर में दस सालों में करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च कर आठ शोधों में स्टेम सैल पर काम दिखाया गया। इन शोधों के बाद एक वेटरिनरी टाइप कल्चर कलेक्शन (वीटीसीसी) एक्सेशन नंबर मिलता है, जिसे हिसार स्थित नेशनल सेंटर फार वेटरिनरी टाइप कल्चर में पंजीकृत कराना होता है। हिसार स्थित वेटरिनरी कालेज के प्रोफेसर डा.संदीप कुमार गुप्ता ने एक आरटीआइ लगाकर इसकी जानकारी ली।
आरटीआइ से खुला रिसर्च का राज
आइवीआरआइ, इज्जतनगर के जन सूचना अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2011 से 2021 के बीच अलग-अलग समय पर आठ शोध दिखाए गए, इनका वीटीसीसी नंबर भी दिया। इस पर सरकार से बजट के तौर पर करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च भी बताया गया। वहीं दूसरी आरटीआइ हिसार स्थित नेशनल सेंटर फार वेटरिनरी टाइप कल्चर (एनसीवीटीसी) में लगाई। इसमें मालूम हुआ कि आइवीआरआइ इज्जतनगर की ओर से स्टैम सेल को लेकर किसी रिसर्च का वीटीसीसी जमा ही नहीं कराया गया।
शोध करने वाले वैज्ञानिक और इस पर खर्च
डा.एसके मैती का अगस्त 2013 से जुलाई 2016 के बीच साढ़े चार लाख रुपये। सितंबर 2017 से अगस्त 2019 तक चार लाख रुपये। इन्हीं का जनवरी 2019 से दिसंबर 2021 के बीच 3.19 करोड़ रुपये। जी.तरु शर्मा का अगस्त 2011 से अगस्त 2013 के बीच तीन लाख रुपये। सितंबर 2017 से अगस्त 2018 के बीच एक लाख रुपये। डा.अमरपाल का जुलाई 2013 से जून 2016 के बीच तीन लाख, डा.ए बेग का सितंबर 2011 से अगस्त 2013 के बीच करीब साढ़े तीन लाख व जुलाई 2014-2017 के बीच फिर साढ़े तीन लाख रुपये।
मामले की जानकारी नहीं है। सभी रिसर्च का रिकार्ड चेक कराया जाएगा। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।- डा.त्रिवेणी दत्त, निदेशक, आइवीआरआइ इज्जतनगर