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प्रदेश में जिस व्यवस्था को लागू करने का तमगा बरेली को मिला उसी पर उठने लगे सवाल, जानें क्या है व्यवस्था

Forgery in Tender Process प्रदेश में सिंगल स्टेज व्यवस्था लागू करने का तमगा जरूर बरेली ने अपने सिर लिया हो लेकिन नई व्यवस्था के शुरू होने से पहले ही प्रश्न उठने लगे हैं। आरोप है कि व्यवस्था के तहत किए गए टेंडरों में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 12:45 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 12:45 PM (IST)
प्रदेश में जिस व्यवस्था को लागू करने का तमगा बरेली को मिला उसी पर उठने लगे सवाल, जानें क्या है व्यवस्था
सिंगल स्टेज लागू होने से पहले ही टेंडर आवंटन पर उठने लगे प्रश्न चिन्ह

बरेली, जेएनएन। Forgery in Tender Process : प्रदेश में सिंगल स्टेज व्यवस्था लागू करने का तमगा जरूर बरेली ने अपने सिर लिया हो, लेकिन नई व्यवस्था के शुरू होने से पहले ही इस पर प्रश्न चिन्ह उठने लगे हैं। आरोप है कि व्यवस्था के तहत किए गए टेंडरों में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया है। मामले में जनता ट्रांसपोर्टर के मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस से साठगांठ कर गलत रिपोर्ट के आधार पर अपना चरित्र प्रमाण पत्र बनवा लिया।जबकि उनके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 में एक मामला विचाराधीन है। जिसकी सुनवाई 24 सितंबर को होनी है। मामले की शिकायत संभागीय खाद्य नियंत्रक कार्यालय से भी की गई है।

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खाद्यान्न वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए सिंगिल स्टेज व्यवस्था लागू की जा रही है। योजना के तहत एफसीआइ के गोदाम से खाद्यान्न उठान कर सीधा कोटेदारों के यहां पहुंचना है। नई व्यवस्था लागू किए जाने के लिए टेंडर निकाले गए थे। जिसमें फर्जी चरित्र प्रमाण पत्र का पहला मामला मैसर्स आरसी इंटरप्राइजेज का था तो अब दूसरा नया मामला मैसर्स जनता ट्रांसपोर्ट के मालिक राजेंद्रनगर निवासी सुनील कुमार गुप्ता का आया है। उनके खिलाफ 23 जून 2006 को फतेहगंज पूर्वी थाना में आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 का मुकदमा दर्ज है। पुलिस ने सूचना पर सप्लाई विभाग की टीम के साथ छापा मारकर 10 ड्रम मिट्टी का तेल पकड़ा था। यहां पर मिट्टी के तेल से डीजल बनाए जाने का आरोप था। मामला अभी अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम के यहां विचाराधीन है।

अधिकारी बोले चरित्र प्रमाण का सत्यापन कर हुए टेंडरः आरएमओ राममूर्ति वर्मा ने बताया कि चरित्र प्रमाण पत्र एक पुलिस विभाग की ओर से तो दूसरा जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त हुआ है। उसी के आधार पर टेंडर किए गए हैं। चरित्र प्रमाण पत्र किस तरह बना विभाग को नहीं पता। मामले की जांच कराई जाएगी। अगर किसी प्रकार की कोई भी गलती मिलती है तो टेंडर निरस्त किए जाएंगे।

जनता ट्रांसपोर्ट के मालिक बोले, लगाए जा रहे आरोप निराधारः जनता ट्रांसपोर्ट के मालिक सुनील गुप्ता ने बताया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार है। मामले का निस्तारण हो चुका है। कुछ पारिवारिक सदस्य ही झूठी शिकायतें करते रहते हैं। जिसकी पूर्व में भी जांच हो चुकी है।


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