Move to Jagran APP

Bareilly College Controversy : प्राचार्य के फैसले पर कमिश्नर बोले, सीमित है मेरी शक्तियां Bareilly News

बरेली कॉलेज में प्राचार्य पद को कई माह से चल रही उठापटक में आखिर कमिश्नर रणवीर प्रसाद के जवाब ने विराम लगा दिया। उन्होंने साफ कहा कि पढ़ाई का कार्य सुचारू चल रहा है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 09:26 AM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 01:57 PM (IST)
Bareilly College Controversy :  प्राचार्य के फैसले पर कमिश्नर बोले, सीमित है मेरी शक्तियां Bareilly News
Bareilly College Controversy : प्राचार्य के फैसले पर कमिश्नर बोले, सीमित है मेरी शक्तियां Bareilly News

जेएनएन, बरेली : बरेली कॉलेज में प्राचार्य पद को कई माह से चल रही उठापटक में आखिर कमिश्नर रणवीर प्रसाद के जवाब ने विराम लगा दिया। उन्होंने साफ कहा कि पढ़ाई का कार्य सुचारू चल रहा है। कोई ऐसी विषम स्थिति नहीं हैं कि प्रशासनिक शक्तियों का प्रयोग किया जाए। समितियों का विवाद निपटे। इसके बाद ही प्राचार्य पद पर फैसला होगा।

loksabha election banner

सीमित हैं मेरी और DM की Power

कमिश्नर ने ‘दैनिक जागरण’ से बातचीत में कहा कि बरेली कॉलेज पूरी तरह से सरकारी नहीं है। सोसायटी के अधीन यह संचालित होता है। यह प्राइवेट बॉडी है। कॉलेज के बायलॉज के तहत बोर्ड ऑफ कंट्रोल के चेयरमैन के नाते मेरे पास और मैनेजिंग कमेटी के चेयरमैन होने के नाते डीएम के पास कोई खास शक्तियां नहीं हैं। इसलिए पहले इन समितियों के विवाद का निस्तारण होगा उसके बाद अन्य मामलों में फैसला लिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि बतौर कमिश्नर उनके पास कई महत्वपूर्ण काम हैं। जनता की समस्याएं, विकास कार्यो को पूरा कराने की जिम्मेदारी है। यह सब काम छोड़कर केवल बरेली कॉलेज के पीछे नहीं पड़ा जा सकता है।

दो साल पुराने प्राचार्य काम कर गए

कमिश्नर ने कहा कि डॉ. अनुराग मोहन के पहले डॉ. अजय शर्मा लंबे समय तक पद पर रहे। उनकी नियुक्ति का अनुमोदन भी बोर्ड ऑफ कंट्रोल में नहीं हुआ। तब क्यों नहीं लोगों ने नियमों का हवाला दिया। इस तरह के सभी कॉलेजों में प्रबंधन को लेकर विवाद चलता है। मेरी प्राथमिकता है कि पठन-पाठन और कानून व्यवस्था बनी रहे। अगर इसके साथ कोई खिलवाड़ होता है तो वह हर तरह से हस्तक्षेप करेंगे।

तुरंत फैसला चाहिए वह विधिक प्रक्रिया अपनाए

कमिश्नर ने यह भी स्पष्ट कहा कि प्राचार्य नियुक्ति के मामले में अब तक न तो बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के सदस्यों ने कोई पहल की और न ही बोर्ड ऑफ कंट्रोल के सदस्यों का कोई प्रस्ताव आया। फिर भी यदि किसी को लगता है कि डॉ. अनुराग मोहन को प्राचार्य बनाना नियम विरुद्ध है तो वह विधिक प्रक्रिया अपनाए। एफआइआर दर्ज करवा सकता है। इस प्रकरण पर हाईकोर्ट भी जा सकता है। प्रशासनिक स्तर पर अधिक हस्तक्षेप नहीं कर सकते।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.