बरेली जच्चा-बच्चा मौत मामले में CMO की एंबुलेंस प्रभारी काे चेतावनी, जवाब सही नहीं मिला ताे लेंगे Action
Bareilly CMO Warning on Mother Child Death Case बरेली में कंधों पर लेकर आए गर्भवती की माैत के मामले में सीएमओ ने एसीएमओ डा. हरपाल सिंह को जांच सौंपी है। इधर एंबुलेंस कंपनी के जिला प्रभारी ने भी एंबुलेंस चालक की काल रिकार्डिंग और डिटेल निकलवाई है।
बरेली, जागरण संवाददाता। Bareilly CMO Warning on Mother Child Death Case : बरेली में कंधों पर लेकर आए गर्भवती की माैत के मामले में अब जांच शुरू हो गई है। सीएमओ ने एंबुलेंस को तीन घंटे का समय देने पर एसीएमओ डा. हरपाल सिंह को जांच सौंपी है। उधर, दूसरी ओर एंबुलेंस कंपनी के जिला प्रभारी ने भी एंबुलेंस चालक की काल रिकार्डिंग और डिटेल निकलवाई है।
काल रिकार्डिंग और डिटेल से यह जानकारी हो पाएगी कि आखिर उस दिन एंबुलेंस किसके लिए असाइन की गई थी। वहीं, सीएमओ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि एंबुलेंस प्रभारी मामले में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए तो उनके विरुद्ध शासन को पत्र लिखकर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
17 नवंबर को जोगी नवादा की रहने वाली गर्भवती सुषमा को प्रसव पीड़ा हुई। आशा को फोन किया तो आशा ने 102 पर एंबुलेंस के लिए काल की, आरोप है कि एंबुलेंस चालक ने पुल निर्माण की बात कहकर तीन घंटे में पहुंचने की बात कही। इस पर स्वजन ई-रिक्शा से ही उसे अस्पताल लेकर आए।
इंद्रा मार्केट के पास रास्ता बंद होने की वजह से ई-रिक्शा चालक ने उसे वहीं, पर उतार दिया जहां से आशा और गर्भवती की सास उसे कंधों के सहारे अस्पताल तक लेकर गई। महिला जिला अस्पताल परिसर में बने मंदिर के पास जाकर बैठ गई। उसके बाद उससे उठा नहीं गया।
व्हील चेयर के सहारे किसी तरह से उसे महिला अस्पताल तक ले जाया गया। जब तक डाक्टर आए तक सुषमा ने दम तोड़ दिया। स्वजनों ने आरोप लगाया कि यदि समय से सुषमा अस्पताल पहुंच जाती तो उसकी जान बच सकती थी, लेकिन न तो एंबुलेंस मिली और न ही रास्ता मिला।
जिसकी वजह से अस्पताल पहुंचने में देरी हुई और सुषमा की जान चली गई। मामले में सीएमओ डा. बलवीर सिंह ने एसीएमओ डा. हरपाल सिंह को जांच सौंपते हुए एंबुलेंस प्रभारी से जवाब तलब करने को कहा है। साथ ही कहा यदि जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो शासन को रिपोर्ट सौंपकर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
कंपनी को किया है ई-मेल
मामले में एंबुलेंस कंपनी के जिला प्रभारी समर श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने आशा से बात की थी। उसने भी एंबुलेंस को तीन घंटे में पहुंचने का आरोप लगाया है। इसके बाद काल किए गए नंबर समेत पूरी जानकारी कंपनी को ई-मेल कर संबंधित मामले की आडियो मांगी गई है। साथ ही यह भी जानकारी मांगी है कि, उस दिन कौन सी एंबुलेंस को वहां जाने के लिए असाइन किया गया था। रिपोर्ट आते ही मामले में सख्त कार्रवाई की संस्तुति होगी।