बरेली सीएमओ ने सितंबर में ही बताया था कि अस्पताल फर्जी है, फिर भी कैसे चलता रहा अस्पताल यहां पढ़ें
Fake Hospital in Bareilly सुभाष नगर के बदायूं रोड स्थित फर्जी डिग्री के सहारे चल रहे अस्पताल व ट्रामा सेंटर मामले में सीओ सेकेंड घिर गए हैं। पता चला कि प्रकरण में आइजी रमित शर्मा द्वारा दी गई जांच पर ही सीओ सेकेंड आशीष प्रताप ने पर्दा डाल दिया।
बरेली, जेएनएन। Fake Hospital in Bareilly : सुभाष नगर के बदायूं रोड स्थित फर्जी डिग्री के सहारे चल रहे अस्पताल व ट्रामा सेंटर मामले में सीओ सेकेंड घिर गए हैं। पता चला कि प्रकरण में आइजी रमित शर्मा द्वारा दी गई जांच पर ही सीओ सेकेंड आशीष प्रताप सिंह ने पर्दा डाल दिया। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद उन्होंने मामले में सीएमओ से रिपोर्ट मांगी। सीएमओ ने सीओ कार्यालय को अस्पताल के फर्जी होने के संबंध में सितंबर में ही रिपोर्ट भेज दी। बावजूद आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई। हैरत की बात रही कि शिकायत की जानकारी के बाद अस्पताल नाम बदल-बदल कर चलता रहा। अब पूरे मामले में लापरवाही सामने आने पर आइजी रमित शर्मा ने जांच बैठा दी है कि आखिर सीएमओ रिपोर्ट के बाद एफआइआर क्यों नहीं दर्ज कराई गई।
इज्जतनगर के कर्मचारी नगर स्थित गली नंबर तीन निवासी सूर्य कुमार अग्निहोत्री ने 26 जून 2021 को मामले में आइजी से की थी। सूर्य कुमार का आरोप था की बदायूं रोड स्थित शिव स्वयंवर बरात घर के पास डाक्टर शैलेंद्र पांडेय, डाक्टर आशीष शर्मा और उसके पिता सुरेश चंद्र फर्जी डिग्री के सहारे अपना हास्पिटल व ट्रामा सेंटर चला रहे हैं। आइजी ने मामले की जांच सीओ सेकेंड आशीष प्रताप सिंह को सौंप दी। सीओ कार्यालय से अगस्त माह में अपना हास्पिटल एवं ट्रामा सेंटर के संबंध में सीएमओ कार्यालय से जानकारी मांगी गई।
सीएमओ कार्यालय से आठ सितंबर को जांच रिपोर्ट सीओ कार्यालय को भेजी गई। जांच रिपोर्ट में बाकायदा लिखा गया कि डाक्टर शैलेंद्र पांडेय के द्वारा उपयोग में लाई जा रही मुहर व रजिस्ट्रेशन संख्या को मेडिकल काउंसिल लखनऊ भेजा गया, लेकिन वहां उसका कोई रिकार्ड नहीं मिला। बावजूद मामले में पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। मामले में सूर्य कुमार अग्निहोत्री कोई कार्रवाई न होने पर सीएमओ रिपोर्ट लेकर एसएसपी के पास पहुंचे, एसएसपी के आदेश के बाद सुभाषनगर पुलिस ने शैलेंद्र पांडेय, आशीष शर्मा और सुरेश शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की।
मंत्री ने किया था फर्जी अस्पताल का उद्घाटन : फर्जी अस्पताल का उद्धाटन मंत्री ने किया था। 19 अक्टूबर 2020 को अस्पताल का उद्घाटन हुआ। मामला सामने आने के बाद उद्धाटन समारोह का एक फोटो वायरल हुआ। इस दौरान आरोपित व मंत्री साथ खड़े हैं। मंत्री फीता काट रहे हैं। फेसबुक पर शैलेंद्र पांडेय के अलग-अलग नाम होने की बात भी सामने आई है।
नीलकंठ से शुरू हुआ अस्पताल अब शिवांश डेंटल केयर : सूर्य कुमार ने सुभाषनगर थाने में दी गई तहरीर में यह बात भी बताई कि फर्जी अस्पताल नीलकंठ हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर से शुरू हुआ था। शिकायत के बाद अस्पताल का नाम शिवांश फिर अपना हास्पिटल व ट्रामा सेंटर हुआ। वर्तमान में हास्पिटल शिवांश डेंटल केयर से है।