Bareilly: घर में तैयार की जा रही थी स्मैक व अफीम, एएनटीएफ ने 6 आरोपितों को किया गिरफ्तार
बरेली में घर के भीतर स्मैक व अफीम तैयार की जा रही थी। सोमवार को एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) की टीम ने छापेमारी कर 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों के पास से 17 किलों अफीम 440 ग्राम स्मैक अन्य सामग्री बरामद की गई है।
संवाद सहयोगी, आंवला : आंवला के लक्ष्मपुर में घर के भीतर स्मैक व अफीम तैयार की जा रही थी। बाप-बेटे व पत्नी चारों इस काम में जुटे थे, जबकि दो करीबियों के जिम्मे मुखबिरी व पार्टी से बात करना था। एएनटीएफ मेरठ व एसपी सिटी के गोपनीय आपरेशन में आरोपित फंस गए और आरोपित धर लिए गए।
17 किलो अफीम जब्त
पुलिस ने मादक पदार्थ बनाने वाले कल्याण उर्फ कल्लू, उसकी पत्नी कमलेश, बेटे दीपक, नवल व गुर्गे गवेंद्र एवं दीपक को पकड़ लिया। आरोपितों के पास से 17 किलो 120 ग्राम अफीम, 440 ग्राम स्मैक, चार लाख 50 हजार तीन सौ चालीस रुपये व अफीम स्मैक तैयार करने के उपकरण व सामग्री बरामद कर ली।
आरोपितों को किया गया गिरफ्तार
आरोपित कच्चा माल झारखंड से लाते थे। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) मेरठ यूनिट को सूचना मिली कि बरेली के आंवला के लक्ष्मपुर गांव निवासी कल्याण उर्फ कल्लू घर में ही मादक पदार्थ तैयार कर रहा है। तय इनपुट पर टीम जांच में जुटी। इनपुट हाथ लगने पर एसपी सिटी राहुल भाटी को जानकारी दी। इसी के बाद गोपनीय रूप से टीम ने आरोपित के घर दबिश दी तो पूरा खेल उजागर हो गया। आरोपितों को हिरासत में ले लिया।
स्मैक व अफीम बनाने वाले उपकरण बरमाद
स्मैक व अफीम बनाने के उपकरण, एसीटिक एनहाइड्राइड केमिकल, 860 ग्राम पावर पाउडर, 235 ग्राम कट पाउडर, सिलिंडर, गैस चूल्हा व तस्ला मिला। पूरा घर खंगाला गया तो एक किलो 120 ग्राम तैयार अफीम, 440 ग्राम स्मैक व 16 किलो कच्ची अफीम बरामद की गई। पूछताछ में आरोपितों ने अपने नाम स्वीकारे। आरोपित कल्याण गिरोह का सरगना निकला। एसपी सिटी राहुल भाटी व सीओ आंवला डा. दीपशिखा अहिबरन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर गिरोह का राजफाश किया। आरोपितों को सलाखों के पीछे भेज दिया गया।
आंवला पुलिस को नहीं दी गई जानकारी
पढेरा का तस्कर छोटे खां जब पकड़ा गया तो एक-एक कर पुलिस की मिलीभगत उजागर हुई थी। कल्याण उर्फ कल्लू को लेकर मुखबिर को इसी बात का अंदेशा था। लिहाजा, उसने मुखबिरी दूसरे जनपद की नारकोटिक्स की विशेष टीम से की। पूरे आपरेशन से आंवला पुलिस को दूर रखा गया। विशेष टीम ने आरोपितों को पकड़ने के बाद थाना पुलिस को जानकारी दी।
मां के नाम पर है लाइसेंस
पूछताछ में आरोपित ने स्वीकारा कि उसके मां के नाम अफीम का लाइसेंस था। उससे पहले भी लाइसेंस था। टीम ने जब लाइसेंस मांगा तो वह नहीं दिखा सका। टीम यह मान रही है कि लाइसेंस की आड़ में ही उसने पूरा साम्राज्य खड़ा किया। प्रकरण में अंदरखाने आंवला पुलिस की भूमिका की भी जांच शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि बगैर मिलीभगत के आरोपित इतने बडे पैमाने पर मादक पदार्थ की सप्लाई नहीं कर सकता था।