भातू हबूड़े गैंग ने बैंक में की थी 20 लाख की चोरी
दो बदमाशों को क्राइम ब्रांच व एंटी गुंडा दमन दल ने पकड़ लिया।
जागरण संवाददाता, बरेली : सिविल लाइंस के आइसीआइसीआइ बैंक में दो महीने पहले हुई बीस लाख की चोरी करने वाले कानपुर निवासी दो बदमाशों को क्राइम ब्रांच व एंटी गुंडा दमन दल ने पकड़ लिया। वारदात को भातू और हबूड़े गिरोह के छह बदमाशों ने अंजाम दिया था। गिरफ्तार बदमाशों अजय व रोहित से एक सुपर बाइक, करीब डेढ़ लाख की नकदी व चार मोबाइल बरामद हुए हैं। अब गिरोह के सरगना समेत पांच बदमाशों की तलाश की जा रही।
19 जुलाई को आइसीआइसीआइ बैंक में कैश जमा करने पहुंचे कर्मचारियों से रोडवेज का बीस लाख रुपये कैश चोरी कर लिया गया था। एसपी क्राइम रमेश भारतीय ने बताया कि वारदात को पटेल चौक, कानपुर देहात निवासी अजय उर्फ नरेश पुत्र कल्लू सिंह और राजकीय उन्नयन बस्ती, बिठूर रोड कल्यानपुर कानपुर नगर निवासी रोहित उर्फ दीपेंद्र उर्फ चिंकी पुत्र चंद्रशेखर ने मिलकर अंजाम दिया था। रोहित हबूड़ा और नरेश ठाकुर बिरादरी का है। नरेश की पत्नी हबूड़ा बिरादरी की है। इनका मास्टरमाइंड हबूड़ा बिरादरी का कल्यानपुर निवासी मोहन है। वह वर्तमान में मेरठ में रह रहा है। इसके अलावा भातू बिरादरी का मुरादाबाद निवासी मनीष, गोपालपुर सिंकदरा, कानपुर निवासी अमित, अतराबाद अलीगढ़ निवासी सागर भी इनके गैंग में शामिल हैं। सागर, गिरफ्त में आए नरेश का साला है। मनीष कुछ दिनों पहले मुरादाबाद जीआरपी से वारंट में कोर्ट में सरेंडर कर जेल चला गया है। अब मोहन, अमित और सागर फरार चल रहे हैं।
मोहन ने रेकी कर बुलाया था नरेश व अमित को अंदर
गिरफ्तार बदमाशों ने बताया कि बैंक के आसपास कई चेन स्नेचिंग की। बाद में कानपुर में पूरा गिरोह इकट्ठा हुआ तो बरेली में वारदात के लिए प्लान बना। दो लोग होटल में आकर जबकि बाकी किसी रिश्तेदार के घर गांव में रुके थे। घटना वाले दिन सबसे पहले बैंक के अंदर मोहन गया था। वह रुपये जमा व निकालने वालों पर नजर रखे था। उसकी नजर बैंक में रुपये जमा करने आए कस्टोडियन अजीत पर पड़ गई। अजीत को सभी आकर रुपये देकर जा रहे थे और वह काउंटर पर जाकर खड़ा हो जाता था। उसी वक्त तय हुआ कि अजीत से रुपये चोरी करने हैं। कुछ ही देर में उसने अमित और नरेश को भी अंदर बुला लिया। वह और अमित, अजीत के आसपास काउंटर पर खड़े हो गए और नरेश मौका पाकर बैग लेकर फरार हो गया था। रोहित, मनीष और सागर बैंक के बाहर तीन बाइक लेकर खड़े थे और फिर तीनों अलग-अलग बाइक पर सवार होकर फरार हो गए थे।
लूटपाट के पैसों से खरीदी बाइक
वारदात के बाद सभी सीधे कानपुर गए और बंटवारा किया। बाद में अमित के नाम से अलीगढ़ में पल्सर 220 सीसी की बाइक खरीदी जिससे आगे भी वारदात कर सकें। नरेश ने बताया कि उसने दो लाख रुपये अपनी बेटी हिमांशी के एकाउंट में जमा कर दिए थे। वहीं रोहित ने पत्नी की बीमारी और उधार चुकाने में रुपये खर्च कर दिए।
फर्जी आइडी से होटल में एंट्री
नरेश के पास से गर्लफ्रेंड अंजू का आधार कार्ड मिला है। जिसमें वह अंजू का पति बना है। रोहित के पास से अमित की फर्जी आइडी मिली है। स्टेशन रोड स्थित होटल में नरेश और अमित रुके थे। वारदात को अंजाम देने के बाद अमित होटल में गया था और फिर वहां से चेकआउट करके निकल गया था।
बुजुर्ग से भी की थी लूट
बदमाशों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने ने ही 29 मार्च को प्रेमनगर में शाहबाद निवासी बुजुर्ग भूपेंद्र से पुलिस चेकिंग के नाम पर 60 हजार रुपये लूट लिए थे। उस वारदात में अजय उर्फ नरेश और मोहन, मनीष और सागर शामिल थे। उन्होंने पाकिस्तानी करेंसी बताकर बुजुर्ग को चेकिंग के नाम पर डराया था। इन सभी बदमाशों पर मेरठ, कानपुर, व अन्य जिलों में मुकदमें दर्ज हैं। मोहन और रोहित पुलिस मुठभेड़ में मेरठ जेल में बंद हो चुके हैं। इसी गैंग के सदस्य ने मिनी बाईपास पर बीसलपुर की महिला से साढ़े 4 लाख रुपये लूटे थे।