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अमेरिका, जापान, इंग्लैंड तक जमेगी बदायूं की धाक

बदायूं के मो. हबीब ने जरी-जरदोजी में आधुनिकतम तकनीक की महारत हासिल कर विदेशों तक अपने काम की डंका बजाया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 04:15 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 04:15 PM (IST)
अमेरिका, जापान, इंग्लैंड तक जमेगी बदायूं की धाक
अमेरिका, जापान, इंग्लैंड तक जमेगी बदायूं की धाक

बरेली [कमलेश शर्मा]। उद्योगों के मामले में अति पिछड़े जिले में बैठ कर अमेरिका, जापान, इंग्लैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया तक यहां से उत्पाद भेजने की बात अकल्पनीय सी लगती है। अब यह सपना हकीकत में बदलने जा रहा है। यह कर दिखाया है कि चीन में 32 साल तक जरी-जरदोजी का आधुनिकतम तकनीक में महारत हासिल करने वाले बदायूं के मो. हबीब सिद्दीकी ने। उपेक्षित पड़े सालारपुर औद्योगिक क्षेत्र में 60 करोड़ रुपये की लागत से फैक्ट्री लगाकर उन्होंने जिले की तरक्की का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।

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चीन के टेक्सटाइल उद्योग में मो.हबीब अपनी पहचान बना चुके हैं। उनके लिए अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, रूस जैसे विकसित देशों से ऑफर भी मिलने लगे थे, लेकिन तकनीकी और व्यवसायिक रूप से दक्ष होकर उन्होंने अपने जिले और देश के लिए कुछ करने की ठानी और बदायूं वापस आ गए। जब उन्होंने विदेशी कंपनियों से जुड़े मित्रों से परामर्श किया तो उन्हें एडवांस में आर्डर भी मिलने शुरू हो गए। गल्फ कंट्री यानि सऊदी, इरान, बहरान जैसे देशों में आधुनिक तकनीक से तैयार होने वाले इन कपड़ों की बहुत डिमांड है। मो.हबीब का कहना है कि जिले में यह उद्योग स्थापित करने के पीछे मंशा यह रही है कि अपने पैतृक शहर के लिए कुछ करें, यहां के युवाओं को रोजगार मिल सके। इसलिए सनविन टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से फैक्ट्री स्थापित की है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगों को बढ़ावा और सहूलियत दे रही है, इसलिए मनोबल और बढ़ा और अपनी माटी की महक विदेश से खींच लाई।

--टेलर से उद्योगपति बने हबीब : काम कोई भी छोटा-बड़ा नहीं होता, मो.हबीब ने इसे साबित कर दिखाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहा जाता है कि चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री बन सकता है, लेकिन हबीब भी साधारण टेलर हुआ करते थे। इसी हुनर की बदौलत वह तीन दशक पहले चीन गए। कड़ी मेहनत की और टेक्सटाइल उद्योग में महारत हासिल कर ली। विदेशी कंपनियों से सीधा संपर्क स्थापित हुआ और आज एक बड़े उद्योगपति के रूप में पहचान बना ली है।

--शुरूआत में 40 युवाओं को मिला रोजगार : सालारपुर में स्थापित फैक्ट्री में अभी सिर्फ दो मशीनें लगी हैं। इनमें जिले के 40 युवाओं को रोजगार मिल गया है। अभी दो मशीनें और लगाई जानी हैं, हबीब का कहना है कि विदेश से दो और मशीनें एयरपोर्ट पर आ भी चुकी हैं। जल्द ही उन्हें भी यहां स्थापित करा दिया जाएगा, इससे और युवाओं को रोजगार मिलेगा। इनके इसी उत्साह और देश के प्रति प्रेम को देखते हुए खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, वस्त्रोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी इनके व्यक्तिगत बुलावे पर यहां आए और फैक्ट्री का विधिवत उद्घाटन भी किया। उन्होंने दूसरे उद्यमियों को प्रेरित भी किया कि उद्योग लगाएं, जो भी बाधा आएगी उसे सरकार दूर कराएगी।


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