सुस्त पड़ा ऑटोमोबाइल सेक्टर त्योहार पर पकड़ रहा रफ्तार
बरेली जेएनएन कोरोना से बीमार ऑटो मोबाइल सेक्टर त्योहार पर रफ्तार पकड़ रहा है। लॉकडाउन में ठ
बरेली, जेएनएन : कोरोना से बीमार ऑटो मोबाइल सेक्टर त्योहार पर रफ्तार पकड़ रहा है। लॉकडाउन में ठप पड़े ऑटो मोबाइल सेक्टर की गाड़ी अब पटरी पर आने लगी है। नवरात्र, धनतेरस और दीपावली को लेकर ऑटो सेक्टर को बाजार से काफी उम्मीदें हैं। कई फाइनेंस कंपनियां पांच लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त लोन दे रहीं। नवरात्र के पहले दिन शनिवार को लोगों ने गाड़ी बुकिग कराई। बरेली में फिलहाल करीब दो हजार दो पहिया व चार पहिया वाहनों की बुकिग हो चुकी है। बाजार में उतरे कार और बाइक के नए मॉडल
ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कंपनियों ने कार, बाइक और स्कूटी के नए मॉडल बाजार में उतार दिए हैं। सीएनजी कार की मांग भी बढ़ी है। एजेंसी संचालकों को उम्मीद है कि त्योहारी सीजन में चार महीनों का घाटा पूरा होगा। लुभाने के लिए आकर्षक उपहार व ब्याजमुक्त लोन
कंपनियों ने तरह-तरह की स्कीम शुरू कर दी हैं। कई कारों की कीमत में 30 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक की छूट है। वहीं, कई बैंकों ने पांच लाख तक का कर्ज ब्याजमुक्त रखा है। वहीं, दो पहिया वाहनों में भी छूट के साथ एक्सचेंज ऑफर है। कुछ जगह गिफ्ट व लोन कराने पर ब्याज में छूट, मोरेटोरियम का लाभ, फ्री इंश्योरेंस के साथ ही सरकारी कर्मचारियों को विशेष छूट दी जा रही है। ------------------
सिर्फ ऑटोमोबाइल सेक्टर ही नहीं, बल्कि पूरे बाजार में रौनक लौटी है। सभी कारोबार एक-दूसरे से जुड़े हैं। नवरात्र पर वाहन खरीद का खास महत्व है, इसलिए कार और बाइक की बुकिग तेजी से हो रही है। अगले 60 दिनों में व्यापार काफी अच्छा होगा।
- विजय कुमार सक्सेना, मैनेजर मूसाराम इंटरप्राइजेज त्योहारों को लेकर काफी संख्या में वाहनों की डिलीवरी होने की उम्मीद है। शोरूम में ग्राहकों की बढ़ती संख्या व इंक्वायरी देखते हुए अच्छा व्यापार होने की उम्मीद जताई जा रही है। - शुभम अग्रवाल, डायरेक्टर कृष्णा ऑटोमोबाइल्स कोरोना काल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल से बचने के लिए लोग निजी वाहन की खरीदारी पर जोर दे रहे हैं। पिछली साल की तरह इस बार भी कारोबार होने की पूरी उम्मीद लग रही है। - नितिन जौहरी, मैनेजर किप्स सेल्स कोरोना को देखते हुए पिछले वर्ष से ज्यादा सेल होगी। 100 से अधिक गाड़ियों की बुकिग हो चुकी है। डिलीवरी के लिए गाड़ी कम पड़ रही है। इसके साथ ही सीएनजी वाहनों की डिमांड बढ़ी है। - सौरभ पांडेय, मैनेजर एकेसी हुंडई