कोविड काल में भोजन, जांच, सैंपल पर हुए खर्च का ऑडिट शुरू
बरेली, जेएनएन : कोविड काल में प्रवासी ठहराव, भोजन के साथ संक्रमितों के सैंपल व जांच पर हुए खर्च की ऑ
बरेली, जेएनएन : कोविड काल में प्रवासी ठहराव, भोजन के साथ संक्रमितों के सैंपल व जांच पर हुए खर्च की ऑडिट शुरू हो गई है। सोमवार को लखनऊ से आई दो सदस्यीय टीम ने आपदा फंड और स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च हुई रकम का ऑडिट शुरू कर दिया। टीम कलेक्ट्रेट में दस्तावेज खंगालती रही।
स्वास्थ्य सुविधाओं से नाराज रहे भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिले में आने पर जांच, सैंपल में देरी से लेकर कोविड अस्पतालों की व्यवस्थाओं की शिकायत की थी। नोडल अधिकारी नवनीत सहगल भी बरेली में ही बने रहे। सैंपल और जांच बढ़वाने के साथ कोविड की समीक्षाएं हुईं। 67 हजार प्रवासियों के लिए खुली थी रसोई
लॉकडाउन के शुरुआती तीन महीने में 67 हजार प्रवासी जिले में आए। इनमें 36 हजार जिले के ही थे, बाकी का कुछ समय तक प्रवास रहा था। इस पर प्रशासन ने सदर, नवाबगंज, मीरगंज, फरीदपुर, आंवला, बहेड़ी तहसील क्षेत्र में जगह-जगह रसोइयां सजवा दीं। इसके लिए तहसीलों को पांच-पांच लाख रुपये जारी हुए थे। सदर तहसील में सर्वाधिक 25 लाख रुपये का बजट उपयोग हुआ। कुल 66 लाख रुपये खर्च बताया गया। इसकी एक रिपोर्ट जिला प्रशासन पहले भेज चुका है। बसों से भेजे गए प्रवासियों को पंद्रह दिन की राशन किट भी मिली थी। होम आइसोलेट लोगों को भी राशन किट पहुंचाई गई थी। लखनऊ से आई टीम को सौंपा ब्योरा :
- भोजन के पैकेट के लिए प्रशासन खर्च किए 49,69,908 रुपये
- कच्चा राशन देने के लिए प्रशासन ने खर्च किए 16,06,895 रुपये
- लेखाजोखा में बताया गया कि प्रशासन ने पहली अप्रैल से जून के मध्य तक शासकीय खर्च से 199159 रुपये की पूड़ी, सब्जी और तहरी खिलाई थी। करीब 35097 हजार रुपये का जनसहयोग भी मिला।
- 5006 पैकेट कच्चा राशन वितरित किया गया। जबकि जनसहयोग से 1613 पैकेट प्रवासियों के बीच बांटे गए।
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देखा जाएगा कि माननीयों का फंड कहां हुआ खर्च
कोविड काल में सांसद और विधायकों ने अपनी निधि से प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को आर्थिक सहायता दी। इसमें शहर विधायक और बिथरीचैनपुर विधायकों ने दो-दो करोड़ दिए थे। केंद्रीय मंत्री और वसीम बरेलवी ने दो-दो करोड़ दिए। यह भी देखा जाएगा कि इन निधि से मिली रकम को कहां खर्च किया गया है।
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60 लाख रुपये का खर्च स्वास्थ्य विभाग ने किया
सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग ने 60 लाख रुपये सैंपल, जांच, मास्क, दवाएं और सैनिटाइजर में खर्च होना दिखाया है। इसके अतिरिक्त, आर्थिक रूप से कमजोर और प्रवासियों को एक-एक हजार रुपये की मदद भी दी गई। इस मद में आए फंड का ब्योरा भी जांचा जा रहा है। वर्जन
कोविड के दौरान हुए खर्च का ऑडिट करने के लिए लखनऊ से टीम आई है। यह प्रक्रिया का हिस्सा है। शासन से आए बजट को किन मदों में कैसे खर्च किया गया है। इसका ब्योरा उपलब्ध करा दिया गया है। यह टीम सात दिन तक बरेली में रहेगी। - मनोज कुमार पांडेय, एडीएम वित्त