Police Recruitment Race: 13 मिनट में नौकरी की दौड़ जीतकर, जिंदगी की जंग हार गई अंशिका Barielly News
नौकरी की चाहत लेकर आई अंशिका ने यह दौड़ 13 मिनट में ही पूरी कर ली मगर इसके बाद पैर लड़खड़ा गए। वह जमीन पर गिर गई। बाद में पता चला कि हार्ट बीट बहुत बढ़ गई थी।
जेएनएन, बरेली : पुलिस भर्ती दौड़ में बुधवार को 20 महिला अभ्यर्थियों की हालत बिगड़ गई। इनमें से एक को दौड़ते वक्त ही हार्ट अटैक हुआ, जिससे उसकी मौत हो गई। एक अन्य का पैर फ्रैक्चर हो गया, जबकि दूसरी अभ्यर्थी का ब्लडप्रेशर बढ़ने से तबीयत बिगड़ गई। उन दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनके अलावा 17 अन्य का भर्ती स्थल पर ही प्राथमिक उपचार किया गया।
आठवीं वाहिनी पीएसी ग्राउंड में इन दिनों पुलिस दक्षता परीक्षा चल रही है। बुधवार को कुल 317 अभ्यर्थियों ने इसमें भाग लिया। इनमें से 79 पुरुष जबकि 238 महिला अभ्यर्थी थीं। दोपहर 12 बजे के बाद महिला अभ्यर्थियों की दौड़ शुरू कराई गई। दौड़ते वक्त अचानक 20 अभ्यर्थी गश खाकर जमीन पर गिर गईं। भर्ती बोर्ड में शामिल चिकित्सकों ने तुरंत उनका उपचार शुरू किया।
लेकिन तीन महिला अभ्यर्थियों की हालत ज्यादा खराब थी, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से बागपत जिले की कोतवाली क्षेत्र के गांव फजल नगर निवासी अंशिका (20) पुत्री रामवीर को चिकित्सकों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। वहीं, मुजफ्फरनगर जिले की थाना बेहड़ा सादात निवासी शालिनी पुत्र मुकेश कुमार व पीलीभीत की थाना जहानाबाद के गांव मीरपुर निवासी भगवान देवी पुत्री छुन्नी लाल का उपचार शुरू किया गया। इनमें से भगवान देवी के पैर में फ्रैक्चर हुआ था। जबकि शालिनी का ब्लड प्रेशर बढ़ने से तबीयत बिगड़ी।
14 मिनट की दौड़ 13 मिनट में कर ली पूरी : पुलिस दक्षता परीक्षा के दौरान 14 मिनट में 24 सौ मीटर की दौड़ पूरी करनी होगी। नौकरी की चाहत लेकर आई अंशिका ने यह दौड़ 13 मिनट में ही पूरी कर ली मगर इसके बाद पैर लड़खड़ा गए। वह जमीन पर गिर गई। बाद में पता चला कि हार्ट बीट बहुत बढ़ गई थी। डॉक्टरों ने बताया कि हार्ट अटैक हुआ है। अभ्यर्थी अंशिका की मौत की सूचना पर पीएसी कमांडेंट कमलेश बहादुर, उप कमांडेंट विकास कुमार वैद्य, एसपी सिटी र¨वद्र सिंह व एसपी ग्रामीण डॉ. संसार सिंह जिला अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने अभ्यर्थियों के परिजनों से बात की और उन्हें ढांढस बंधाया।
अपना सपना पूरा न कर सकी अंशिका : परिवार संवारने के लिए पिता के साथ कंधा मिलाकर खड़े होने का बेटी का सपना पूरा न हो सका। वह पुलिस दक्षता परीक्षा की दौड़ में तो जीत गई, लेकिन जिंदगी की दौड़ से हार गई। अंशिका ने दक्षता परीक्षा के मानकों के अनुसार 2400 मीटर की दौड़ निर्धारित 14 मिनट से एक मिनट पहले ही पूरी कर ली थी। लेकिन अफसोस कि वह इस सफर को और आगे न ले जा सकी। मौत की जानकारी मिलने के बाद पिता की आंखों में भी इसका दर्द था।
विश्वास के साथ हासिल की थी जीत : बागपत के थाना कोतवाली क्षेत्र के फजल नगर निवासी रामवीर के तीन संतान हैं। इनमें अंशिका (20) सबसे बड़ी, इसके बाद हिमांशु (18) और फिर मुकुल (15) है। अंशिका ने स्नातक पास करने के बाद 2018 में आई पुलिस भर्ती की 2019 में हुई परीक्षा को पास किया था। इसके बाद नापतौल भी निकाल ली थी। उसे विश्वास था कि वह दक्षता परीक्षा में भी पास हो जाएगी।
बनाना चाहती थी आइएएस व इंजीनियर : वह पिता रामवीर को भरोसा देती थी कि सिपाही बनने के बाद वह भाइयों की पढ़ाई में उनका साथ देगी। वह हिमांशु को इंजीनियर और छोटेे मुकुल को आइएएस बनाना चाहती थी। विश्वास के अनुरूप ही उसने पुलिस दक्षता परीक्षा में दौड़ को अपनी रफ्तार से निर्धारित 14 मिनट से एक मिनट पहले ही पास कर लिया। लेकिन इस परीक्षा को पास करने में उसकी सांसों की रफ्तार थम गई। उसकी सांसों के रुकते ही पिता की आंखों में पल रहे सपने भी चकनाचूर हो गए।
मोर्चरी में देखा शव तो टूट गए पिता : अंशिका की हालत बिगडऩे की जानकारी पर अस्पताल पहुंचे रामवीर को नहीं पता था कि बेटी अब नहीं रही। पुलिस अधिकारी जब समझाने लगे तो उन्हें कुछ समझ नहीं आया। वह समझ नहीं पा रहे थे कि अधिकारी उन्हें क्या समझा रहे हैं। अधिकारी उन्हें लेकर मोर्चरी पहुंचे तो वहां फ्रीजर में रखे बेटी के शव को देख रामवीर टूट गए। वह बिलख पड़े, रोते हुए बोले, हे भगवान यह क्या कर दिया।
दौड़ लगाते समय महिला अभ्यर्थियों की हालत बिगड़ गई थी। तीन को जिला अस्पताल लाया गया है। इनमें से एक की मौत हो गई है।
-कमलेश बहादुर, पीएसी कमांडेंट
238 महिला अभ्यर्थियों ने बुधवार को दौड़ में भाग लिया था। इनमें से करीब बीस की हालत बिगड़ी गई थी। तीन को जिला अस्पताल भेजने के अलावा शेष का पीएसी ग्राउंड पर ही उपचार कराया गया। -सीमा यादव, सीओ द्वितीय/सदस्य पुलिस दक्षता परीक्षा