बरेली की इस शिक्षिका के एक आइडिया ने दिला दी पहचान, एससीईआरटी की टीम का बनी हिस्सा
प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका ने ऐसा ही प्रयोग किया। उन्होंने मोबाइल फोन के उपयोग को अपने शैक्षिक कार्य से जोड़ा। लॉकडाउन के दौरान खाली वक्त में उन्होने तैयार किया है।
बरेली, अखिल सक्सेना। हर हाथ में मोबाइल फोन और जरूरत के हिसाब से इसका अलग उपयोग। यदि बेहतर आइडिया हो तो यही फोन अलग पहचान भी बना सकता है। प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका ने ऐसा ही प्रयोग किया। उन्होंने मोबाइल फोन के उपयोग को अपने शैक्षिक कार्य से जोड़ा। लॉकडाउन के दौरान खाली वक्त मिले खाली वक्त में उन्होंने डिजिटल आर्ट सीखी। इसी के सहारे बच्चों के कोर्स की किताबों के कवर पेज तैयार कर लिए।
सोशल मीडिया पर इन्हें अपलोड किया गया तो उनका यह प्रयोग शिक्षा विभाग के अफसरों तक पहुंचा। जिसके बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने उन्हें प्रदेश की आर्ट एवं क्राफ्ट टीम का हिस्सा बना लिया। अब वह प्रदेश की चौबीस सदस्यीय टीम के साथ दूसरे शिक्षकों के लिए इसका माड्यूल तैयार करेंगी। इसके लिए शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षित किया जाएगा।
फरीदपुर ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल शंकरपुर अंबेडकर नगर में सहायक अध्यापिका रुचि सैनी की तैनाती नवंबर 2015 में हुई थी। बच्चों को पढ़ाई के आधुनिक संसाधनों से जोड़ने के लिए वहां स्मार्ट ब्लैकबोर्ड या प्रोजेक्टर नहीं था तो उन्होंने निजी स्तर पर स्पीकर मंगवाए। जिन्हें मोबाइल फोन से जोड़कर पढ़ाई के नए तरीके और क्राफ्ट के बारे में सिखातीं। यह तरीका बच्चों के रोचक साबित हुआ।
मार्च में लॉकडाउन हुआ तो वह घर बैठकर मोबाइल फोन से कुछ नया तलाशती रहीं। इसी में उन्हें किताबों के कवर पेज तैयार करने का आइडिया आया। मोबाइल एप्लीकेशन सर्च कीं, जिसके सहारे उन्होंने रेनबो (अंग्रेजी), गिनतारा (गणित) और आओ समझें विज्ञान, किताब के डिजिटल पेज डिजाइन कर लिए। बच्चों को आकर्षित करने के लिए तितली, गुब्बारे आदि चित्रों का उपयोग किया।
ये कवर पेज उन्होंने वाट्सएप ग्रुप, सोशल मीडिया पर वायरल किए। वह बताती हैं कि शिक्षा विभाग के अफसरों को यह क्रिएटिविटी पसंद आई। एससीईआरटी को ये कवर पेज दिखाए गए तो प्रदेश की आर्ट एवं क्राफ्ट टीम में शामिल कर लिया गया। रुचि बोलीं, चूंकि इस बार सिलेबस जारी हो चुका है ऐसे में कवर पेज का उपयोग आगामी सत्र में हो सकता है।
फिलहाल प्रदेश की टीम में चयनित होने के बाद अब दूसरे शिक्षकों को आर्ट एवं क्राफ्ट का प्रशिक्षण देने का मौका मिलेगा। अगस्त में होगी ट्रेनिंग जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रति वर्ष यह ट्रेनिंग दी जाती है। चूंकि इस बार कोरोना वायरस का संक्रमण है इसलिए ऑनलाइन व्यवस्था की गई है। 15 जुलाई तक 24 सदस्यीय टीम तैयारी करेगी। इसके बाद अगस्त में अन्य शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग शुरू की जाएगी।