बरेली के 100 साल पुराने जिला अस्पताल भवन पर अब तक नहीं बरसा ‘अमृत’
Amrit has not rained on Bareillys district hospital अंग्रेजों के जमाने में महाराणा प्रताप संयुक्त जिला चिकित्सालय के अधिकांश भवन और सीवेज पर ‘अमृत’ अभी तक नहीं बरस सका है। अमृत योजना में नवीनीकरण के लिए शामिल होने के बावजूद न जीर्णोद्धार हो सका और न सीवर लाइन पड़ी।
बरेली, जेएनएन। Amrit has not rained on Bareillys district hospital : अंग्रेजों के जमाने में महाराणा प्रताप संयुक्त जिला चिकित्सालय के अधिकांश भवन और सीवेज पर ‘अमृत’ अभी तक नहीं बरस सका है। अमृत योजना में नवीनीकरण के लिए शामिल होने के बावजूद न भवन का पूरी तरह जीर्णोद्धार हो सका और न दोबारा सीवर लाइन पड़ी। पुरानी सीवेज वर्तमान लोड के लायक नहीं, इसलिए आम दिनों में भी दूषित पानी अस्पताल परिसर में फैलता है। वहीं, सड़क भी 1995 में बनी थी। जिससे मुख्य सड़क काफी ऊपर है और नाली भी न होने से परिसर के अलावा सड़क का बरसाती पानी भी अस्पताल परिसर में गिरता है। मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक ने अस्पताल का हाल बयां करने वाली तस्वीरों के साथ जलभराव की समस्या भेजी हैं।
100 साल से स्थिति जस की तस : स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के अनुसार जिला अस्पताल की बिल्डिंग करीब 100 साल पुरानी है। जब से यहां अस्पताल चल रहा है, इस दौरान केवल सुंदरीकरण पर ही कुछ काम हुआ। वर्तमान में बिल्डिंग की हालत जर्जर है। वहीं जिन आवासों में स्वास्थ्य कर्मचारी रह रहे हैं वो इतने जर्जर हैं कि कभी भी ढह सकते हैं। बरसात में कई घरों में छत से रिसकर पानी कमरे तक पहुंच जाता है।
जल निगम को पांच महीने पहले डालनी थी सीवेज लाइन : सीवर लाइन चोक होने पर कई बार लगातार बाश होने पर अस्पताल के वार्डों में भी गंदा पानी भर जाता है। जिससे मरीजों का इंफेक्शन होने का खतरा भी बना हुआ है। अमृत योजना के तहत जिला अस्पताल में सीवेज लाइन डालने का काम करीब पांच महीने पहले शुरू होना था। इसकी जिम्मेदारी जल निगम के पास थी। लेकिन एक बार सर्वे करने के बाद जल निगम की टीम ने अभी तक सीवेज लाइन डालने का काम शुरू नहीं किया है।जिला अस्पताल के एडीएसआइसी डॉ. सुबोध शर्मा ने बताया कि जलभराव की समस्या दूर करने के लिए सड़क को ऊंचा उठाने के साथ ही नई सीवर लाइन डालने की जरूरत है। अमृत योजना के तहत काम होना था, लेकिन महीनों बाद भी शुरू नहीं हो सका। उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर काम जल्द शुरू कराने का अनुरोध किया है।
जर्जर हालत के चलते कायाकल्प में भी फेल रहा था अस्पताल : कुछ समय पहले जिला महिला अस्पताल ने अपने प्रयासों के बल पर कायाकल्प योजना में प्रदेश स्तर पर पहचान बनाई थी। जिला अस्पताल का भी चयन हुआ था लेकिन कायाकल्प योजना के मानकों पर अस्पताल खरा नहीं उतर सका था। इसकी मुखख्य वजह वार्डों की जर्जर हालत, ड्रेनेज सिस्टम न होना था।जल निगम के एक्सइन संजय कुमार ने बताया कि शहर में जल्द ही ब्रांच सीवर लाइन डालने का काम शुरू होगा। जिसमें जिला अस्पताल की रोड शामिल है। ब्रांच सीवर लाइन का काम पूरा होने के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी।